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India News (इंडिया न्यूज़), Deepfake, दिल्ली: साउथ अभिनेत्री रश्मिका मंडाना की कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। जिन्हें डीपफेक का नाम दिया गया है। सोमवार यानी की 6 नवंबर को रश्मिका ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर सारा पटेल के वीडियो पर उनका चेहरा लगाकर वायरल किया गया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीपफेक वीडियो गलत सूचना फैलती है। ऐसी वीडियो को लेकर सोशल मीडिया कंपनी को जवाबदेही देनी होगी। वहीं अमिताभ बच्चन ने भी कार्यवाही की आवाज उठाई थी। ऐसे में काफी लोगों के मन में सवाल होगा कि डीपफेक आखिर होता क्या है? यह क्या तकनीक है? इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है? और यह किस तरीके से गलत है?
डीपफेक के बारे में बताएं इसमें तस्वीर और वीडियो दोनों हो सकती हैं। इस तरह की तस्वीर और वीडियो को स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। जिसे डीप लर्निंग भी कहते हैं। डीप लर्निंग में कंप्यूटर के अंदर दो वीडियो या फोटो दिए जाते हैं। जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटोस को एक जैसा बनता है। यह ठीक उसी तरीके का है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल उतारता है। इस तरह की वीडियो में हिडन लेयर्स होते हैं। जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर द्वारा ही देखा जा सकता है। एक लाइन में कहा जाए तो डीपफेक रियल इमेज वीडियो को बेहद रियल तरीके से फेक बनता है। ऐसे में डीपफेक वीडियो और फोटोस फेक होने के बावजूद भी रियल नजर आते हैं।
आसान भाषा में बताएं तो डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होती है। जिसमें किसी और की वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाया जाता है। यह वीडियो इतनी सटीक मानी जाती है कि आसानी से इनमें फर्क करना मुश्किल है और उदाहरण के तौर पर आप रश्मिका की लेटेस्ट वायरल वीडियो देख सकते हैं। जिसमें जारा पटेल की वीडियो के ऊपर उनके चेहरे को लगाया गया है।
वहीं अगर सारा पटेल का असली वीडियो सामने नहीं आता तो कोई इस बात पर यकीन नहीं करता की यह वीडियो रश्मिका का फेक वीडियो है। इस तरह की वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के द्वारा ही बनाया जाता है।
🚨 There is an urgent need for a legal and regulatory framework to deal with deepfake in India.
You might have seen this viral video of actress Rashmika Mandanna on Instagram. But wait, this is a deepfake video of Zara Patel.
This thread contains the actual video. (1/3) pic.twitter.com/SidP1Xa4sT
— Abhishek (@AbhishekSay) November 5, 2023
इसके साथ ही बता दे कि डीपफेक दो नेटवर्क की मदद से बनाई जाती है। जिनमें इनकोडर होती हैं और दूसरा डीकोडर नेटवर्क होते हैं। इनकोडर नेटवर्क सोर्स कंटेंट को एनालाइज करता है। फिर डाटा निकाल के डीकोडर नेटवर्क को भेज देता है। जिसके बाद फाइनल आउटपुट बाहर निकाल कर आता है। लेकिन वास्तव में यह असली नहीं होता। इसके लिए सिर्फ एक वीडियो या तस्वीर की जरूरत होती है। वही बता दे की डीपफेक के लिए कई वेबसाइट्स और ऐप को भी बनाया गया है। जो इंस्टाग्राम पर देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय का भी डीप फेक किया जा चुका है।
यदि आप भी डीप फेक वीडियो या तस्वीरों को पहचानना चाहते हैं। तो यह आपके लिए आसान नहीं होगा। इन्हें पहचानने के लिए आपको वीडियो को बहुत ही बारीकी से देखना होगा। खास तौर पर चेहरे की एक्सप्रेशंस को आंखों के मोमेंट्स को और बॉडी स्टाइल को इसके अलावा बॉडी कलर भी इसकी पहचान करने में मदद कर सकता है। आमतौर पर यह वीडियो सिर्फ चेहरे को बदलता है और बॉडी को बिल्कुल नहीं बदलता। इसके अलावा लिप्सिंग से भी इस तरह की वीडियो को पहचाना जा सकता है। वहीं खुद की समझ से भी आप पता कर सकते हैं कि कौन सी वीडियो असली है और कौन सी नकली।
यदि आप भी सोशल मीडिया पर डीपफेक वीडियो को मजाक के तौर पर अपलोड करते हैं। तो आपको इसके खिलाफ सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि इस तरह की वीडियो बनाने पर आईपीसी की धारा के तहत आपके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। जिसमें आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा यदि आपने किसी व्यक्ति की छवि खराब की है तो आपको मानहानि के मामले का भी सामना करना पड़ सकता है। जिसमें सोशल मीडिया कंपनी के खिलाफ भी आईटी नियमों तहत कार्यवाही की जाती है। शिकायत की बात करें तो 36 घंटे के अंदर सोशल मीडिया कंपनी और प्लेटफॉर्म्स को कंटेंट हटाने की भी डिमांड होती है।
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