होम / कोटा में सुसाइड केस रोकने के लिए पंखों में लगानी होगी नई डिवाइस, नहीं लगाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

कोटा में सुसाइड केस रोकने के लिए पंखों में लगानी होगी नई डिवाइस, नहीं लगाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : August 20, 2023, 2:38 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Manu sharma, Kota: राजस्थान के कोटा का नाम अगर सामने आता है तो नीट, जेईई या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों का विचार आने लगता है। स्टूडेंट हब कहलाने वाला यह शहर अब सुसाइडल प्लेस बनता जा रहा है। इन सुसाइड्स को रोकने के लिए प्रशासन ने एक कदम उठाया है। कोटा के हॉस्टल और पीजी में स्प्रिंग लोडेड पंखे लगाने की शुरुआत हो चुकी है। प्रशासन का कहना है कि इससे सुसाइड कम होने लगेंगे।

स्प्रिंग लोडेड पंखे ज्यादा वजन सहन नहीं कर सकते हैं

प्रशासन का स्प्रिंग लोडेड पंखें लगाने के पीछे का कारण यह है कि इन पंखों की लोड क्षमता ज्यादा नहीं होती है। पंखे की लोड क्षमता 40 किलो तक होती है। यदि 40 किलो से ज्यादा वजन इन पंखों पर आता है तो स्प्रिंग खुद फैल जाता है और पंखा नीचे आ जाता है।

साथ ही इसमें अलार्म सिस्टम होता है जिससे अलार्म बज जाता है। बता दें कि कोटा में करीब 50 हजार छोटे-बड़े हॉस्टल और पीजी हैं जहां हजारों छात्र रहते हैं।

क्या पंखे बदलवाने से कम होंगे सुसाइड ?

हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि उन्होंने बेंगलुरु की कंपनी में 2015 में ही इस पंखे को लेकर डेमो दिया था। तब इसे सभी हॉस्टलों में लगाने के लिए कलेक्टर ने आदेश दिए थे। प्रशासन के इस कदम पर कई सवाल उठ रहें हैं। ज्यादातर लोगों का कहना है कि क्या इससे सच में सुसाइड केस कम हो जाएंगे। पंखे बदलवाने से स्टूडेंट का प्रैशर और मनोस्थित नहीं बदली जा सकती है।

कोटा में अब तक इस साल 21 सुसाइड केस

शहर में इस साल के अंदर ही करीब 21 से ज्यादा सुसाइड से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं। ये सारे केस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स से जुड़े हुए हैं। अगस्त महीने में ही 4 सुसाइड हो चुके हैं। हाल ही में हुए सुसाइड में एक आईआईटी के छात्र ने पंखे से लटक अपनी जान दे दी थी। यही नहीं बल्कि वह करीब 10 घंटे तक लटका रहा था।

मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए समिति गठित करने के आदेश

राजस्थान विशेषकर कोचिंग सिटी कोटा में कोचिंग के लिए आए छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का निर्णय लिया है। जय समिति आत्महत्या के कारणों और इन पर रोक लगाने के उपाय सुझाएगी।

समिति को 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। शुक्रवार शाम इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ संवाद किया था।

आत्महत्या की घटनाओं का बढ़ना चिंता का विषय

गहलोत ने कहा कि आत्महत्या की घटनाओं का बढ़ना चिंता का विषय है। यह एक देशव्यापी समस्या है। राज्य सरकार हमेशा इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील रही है। गहलोत ने कोचिंग संस्थानों में आत्महत्या के बढ़ते प्रकरणों और उनकी रोकथाम के उपाय सुझाने के लिए प्रमुख शासन सचिव उच्च और तकनीकी शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।

13 हजार से भी अधिक आत्महत्याओं के मामले दर्ज

गहलोत ने कहा कि विद्यार्थियों में आत्महत्या एक देशव्यापी समस्या है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देशभर में वर्ष 2021 में विद्यार्थियों के 13 हजार से भी अधिक आत्महत्याओं के मामले दर्ज हुए, जिनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1834, मध्यप्रदेश में 1308, तमिलनाडु में 1246, कर्नाटक में 855 तथा उड़ीसा में 834 मामले दर्ज हुए।

राजस्थान में यह आंकड़ा 633 है जो दूसरे राज्यों की तुलना मेें कम है, लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे के प्रति गंभीर और संवदेनशील है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान, अभिभावक, हॉस्टल-पीजी और प्रशासन के प्रभावी समन्वय और सामूहिक प्रयासों से इस समस्या का समाधान हो सकता है।

हेल्पलाईन सेवा की भी शुरुआत

संवाद के दौरान कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोचिंग सेन्टर पर हैल्थ जोन, वेलनेस सेन्टर और क्लिनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था की जा रही है। विद्यार्थियों में मानसिक तनाव कम करने के लिए मनोरंजन और खेलकूद के साधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही, 24 घण्टे की हेल्पलाईन सेवा और ई-कम्पलेंट पोर्टल की शुरूआत भी की गई है।

जारी किये गए दिशानिर्देश

संवाद के दौरान अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग संस्थानों के छात्रों पर अनावश्यक दबाव को रोकने और संबल प्रदान करने के क्रम में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेज के माध्यम से करवाई गई स्टडी के निष्कर्षों के आधार पर दिशानिर्देश जारी किये गए।

जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में निगरानी तंत्र भी स्थापित किया गया। कोचिंग संस्थानों में जिला स्तर पर साईकोलोजिकल काउंसलर्स और कैरियर काउंसलर्स की नियुक्ति पर भी जोर दिया जा रहा है। भ्रामक विज्ञापनों पर प्रभावी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है।

पंखों में एंटी हैंगिंग उपकरण लगाए जाने के निर्देश

कोटा में रजिस्टर्ड 3800 हॉस्टल हैं। अलग-अलग इलाकों के हिसाब से हॉस्टल की अपनी एसोसिएशन बनी हुई हैं। शहर के हॉस्टलों में आत्महत्या को रोकने के लिए पंखों में एंटी हैंगिंग उपकरण लगाए जाने के निर्देश हैं। यह उपकरण एक निश्चित वजन के बाद पंखे को नीचे गिरा देता है और अलार्म भी बजा देता है। हालांकि, इसके बाद भी आत्महत्या के मामले सामने आ रहे है क्योंकि इसकी निगरानी सहीं ढंग से नहीं की जा रहीं है।

Read more: 14000 फीट की ऊंचाई से राहुल ने दी पिता पूर्व पीएम राजीव गांधी को द्धांजलि

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT