संबंधित खबरें
रवींद्र जडेजा के चलते कैंसिल हुआ भारत और ऑस्ट्रेलियाई के बीच मैच! जाने क्या है प्रेस कॉन्फ्रेंस विवाद के पीछे का सच?
IND vs AUS 4th Test: किसे रास नहीं आई हिंदी? Ravindra Jadeja की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जमकर बवाल!
'कैप्टन कूल' ने किया अन कूल काम, भड़क गई सरकार, अब भुगतना पड़ेगा ऐसा अंजाम
विराट कोहली नहीं बल्कि यह घातक ऑलराउंडर होगा RCB का अगला कप्तान! ऐसे हुआ चौंकाने वाला फैसला
लड़की बनने के बाद कैसे तबाह हुई इस क्रिकेटर की जिंदगी? घरवालों ने निकाला फिर सिस्टम ने किया ऐसा हाल
भारत के विश्व विजेता क्रिकेटर के खिलाफ निकला अरेस्ट वारेंट, हुआ फरार! बड़े घोटाले में जाना पड़ेगा जेल?
India News (इंडिया न्यूज़), Manoj Joshi: अगर हम आपसे कहें कि सचिन तेंडुलकर पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की ओर से खेल चुके हैं, तो आपको यकीन नहीं आएगा। लेकिन इस बात में कुछ हद तक सच है। दरअसल 1987 में मुम्बई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच एक अभ्यास मैच चल रहा था। जिसमें पाकिस्तानी टीम में एक खिलाड़ी कम था। पाकिस्तान टीम ने भारत से फील्डिंग के लिए एक खिलाड़ी की मांग की।
तब भारत ने सचिन को बतौर फील्डर पाकिस्तान टीम में भेजा। सचिन उस समय 15 साल के थे और यह घटना उनके पहला टेस्ट खेलने से दो साल पहले की है। तब उन्होंने पाकिस्तान टीम की ड्रेस पहनकर फील्डिंग की थी। यह किस्सा सचिन तेंडुलकर ने अपनी ऑटो-बायोग्राफी ‘प्लेइंग इट माई वे’ में लिखा है। जिसमें उन्होंने इमरान खान की उस टीम से सवाल किया है कि, क्या इमरान खान को यह याद है।
सचिन ने लिखा है कि उस मैच में जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर लंच के बाद मैदान पर नहीं उतरे थे और पाकिस्तान टीम के लिए फील्ड पर 11 खिलाड़ियों का संकट खड़ा हो गया था। इमरान ने सचिन को लॉन्ग ऑन पर खड़ा किया। सचिन उस घटना को याद करते हुए कहते हैं कि, उसी दौरान कपिलदेव का एक कैच आया था। जिसको लपकने की मैंने भरसक कोशिश की। सचिन लिखते हैं कि, अगर मैं डीप मिडऑन पर या थोड़ा आगे खड़ा होता तो उस कैच को ज़रूर लपक लेता।
यही सचिन आगे चलकर टेस्ट और वनडे में सबसे ज़्यादा रन और सबसे ज़्यादा सेंचुरी बनाने वाले क्रिकेटर रहे। इसी खिलाड़ी ने मुल्तान टेस्ट में सहवाग 309 के साथ 336 रन की पार्टनरशिप करते हुए, 194 रन की नॉटआउट पारी खेलकर मैच जिताने में बड़ी भूमिका निभाई। इतना ही नहीं वर्ल्ड कप में तीन मौकों पर (1992, 2003, 2011) में भी भारत की जीत के नायक सचिन ही साबित हुए थे। इतना ही नहीं, जब शाहिद आफरीदी ने अपने दूसरे ही वनडे में श्रीलंका के खिलाफ जब 37 गेंदों पर अपनी सेंचुरी पूरी की तो उन्होंने सचिन के बल्ले से ही यह कमाल किया था। दरअसल यह बल्ला सचिन ने वकार यूनिस को भेंट किया था और आफरीदी ने वकार से यह बल्ला मांगकर इससे इतिहास रचा था।
आफरीदी ने इस पारी में कुल छह चौके और 11 छक्के लगाए थे। चलते-चलते चर्चा उन तीन खिलाड़ियों की जो भारत से भी खेले और पाकिस्तान से भी। 1947 में विभाजन के कारण यह असामान्य बात हुई। आजादी से पहले अमीर इलाही, गुल मोहम्मद और अब्दुल हफीज कारदार भारत के लिए खेले। पाकिस्तान के अलग राष्ट्र बनने के बाद, वे पाकिस्तान की टीम से खेले।
Read more: टिकट वितरण को लेकर भाजपा कोर कमेटी की बैठक, जिताऊ प्रत्याशी को ही मिला टिकट
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.