India News (इंडिया न्यूज), Bhagalpur News: बिहार के भागलपुर जिले के एक सरकारी शिक्षक अमित, जो एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक हैं, अपनी नौकरी से मिलने वाले 8 हजार रुपये के वेतन में परिवार का गुजारा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने “लोग क्या कहेंगे” की परवाह किए बिना फूड डिलीवरी का काम शुरू कर दिया है। दिन में बच्चों को पढ़ाने वाले अमित शाम 5 बजे से आधी रात तक फूड डिलीवरी का काम करते हैं। इस खबर की चर्चा चारों तरफ की जा रही है।
Bhagalpur News
अमित ने बताया कि उन्होंने 2019 में परीक्षा दी, जिसका रिजल्ट फरवरी 2020 में आया। 2022 में उन्हें सरकारी नौकरी मिली, जिसे लेकर उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। इसके अलावा, जब वेतन सिर्फ 8 हजार रुपये तय हुआ, तो उनकी मुश्किलें बढ़ गईं। उन्हें अंशकालिक शिक्षक का टैग दिया गया, जबकि पहले से कार्यरत शिक्षकों को 42 हजार रुपये वेतन मिल रहा है। इसके अलावा, अमित ने कहा, “शुरू में उम्मीद थी कि वेतन बढ़ेगा, लेकिन ढाई साल बाद भी स्थिति जस की तस है।
तब अमित ने अपनी पत्नी के सुझाव पर मैंने फूड डिलीवरी का काम शुरू किया। अब स्कूल से लौटकर शाम 5 बजे से रात 1 बजे तक फूड डिलीवरी करता हूं।” साथ ही, अमित का कहना है कि वेतन इतना कम है कि परिवार बढ़ाने का भी डर लगता है। “जब खुद को ठीक से खाना नहीं मिल रहा, तो बच्चों को कैसे पालूंगा?” अमित अपने बूढ़ी मां की देखभाल भी कर रहे हैं। उनकी कहानी न केवल सरकारी वेतन व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मजबूरी में लोग किस तरह दोहरी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
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