India News Bihar (इंडिया न्यूज),Motihari News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल अनुमंडल के कुछ गांवों में धर्म परिवर्तन का नया मामला सामने आया है। यहां ईसाई मिशनरियां गुप्त रूप से ‘पाठशालाएं’ चला रही हैं, जिनका उद्देश्य स्थानीय लोगों को प्रार्थना के नाम पर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करना है। ये गतिविधियां खास तौर पर दलितों और पिछड़ी जातियों के लोगों को निशाना बनाकर की जा रही हैं।
ईसाई मिशनरियों ने सिरहा पंचायत के कुछ गांवों में गुप्त रूप से ‘धर्मांतरण पाठशाला’ शुरू कर दी है। यहां हर रविवार को प्रार्थना के नाम पर महिलाओं और बच्चों को चर्च में लाया जा रहा है। इन गांवों में मधुबन, चैता, कटास, मझार, बहुआरा राजेपुर, तेतरिया समेत कई अन्य गांव शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन इलाकों में खासकर दलितों और कमजोर तबके के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
इस मौके पर गांव के युवा चंदन कुमार और धुरेंद्र कुमार ने बताया कि पहले ऐसी गतिविधियां नहीं होती थीं, लेकिन अब इसमें तेजी आई है। खास तौर पर ईसाई मिशनरियों के लोग ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर चर्च में बुला रहे हैं। वे महिलाओं और बच्चों को टेंपो में भरकर चर्च ले जाते हैं, जहां प्रार्थना के नाम पर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
इसी गांव के डॉक्टर उपेंद्र यादव ने सबसे पहले ईसाई धर्म अपनाया था। इसके बाद उन्होंने अपने बेटों आनंद और विजय को भी धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया। इसके बाद सिरहा पंचायत में करीब 20 से 25 लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया, जबकि अनुमंडल के अन्य गांवों में यह संख्या बढ़कर 500 से अधिक हो गई है।
इस बीच इटावा गांव के गणेशराम ने भी एक दिलचस्प बयान दिया। उन्होंने पहले ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन बाद में अपने परिवार की सलाह और अपनी मर्जी से हिंदू धर्म में वापस आ गए। गणेशराम ने कहा, “हमने पहले ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन अब हम अपने परिवार की सलाह पर हिंदू धर्म में वापस आ गए हैं।”
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों में तनाव है। प्रशासन और पुलिस भी इस पर नजर रखे हुए हैं और धर्मांतरण से जुड़ी शिकायतों की जांच कर रहे हैं। हालांकि, धर्मांतरण के ऐसे मामलों को लेकर स्थानीय स्तर पर कई विवाद और मतभेद पैदा हो रहे हैं।