India News (इंडिया न्यूज़), Shiv Sena News: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने नीलम गोरे को शिवसेना में ‘नेता’ घोषित कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष के बाद सबसे वरिष्ठ नेता को यह पद दिया जाता है। महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष और उद्धव ठाकरे गुट की नेता नीलम गोरे शुक्रवार 7 जुलाई को मुंबई में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गई थीं।
शिंदे ने कहा था ऐतिहासिक
खबरों के अनुसार नीलम गोरे ने इस अवसर पर कहा कि के कुशल नेतृत्व में शिवसेना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। मैंने महिलाओं के मुद्दों और राज्य तथा देश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने गोरे के अपनी पार्टी में शामिल होने को ”ऐतिहासिक” घटनाक्रम बताया था।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अजित पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक खेमे के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में बेचैनी है। शिवसेना (शिंदे गुट) के कई नेताओं ने अजित पवार के सरकार में शामिल होने को लेकर नाखुशी जताई थी।
कौन हैं नीलम गोरे?
- नीलम गोरे साल 2002, 2008, 2014 और 2020 में चार बार विधान परिषद के लिए चुनी गईं 7 जुलाई 2022 में नीलम गोरे महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति बनीं।
- नीलम गोरे के एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती हैं साल 1987 में उन्होंने एक सोशल वर्कर के तौर पर काम किया। इसके बाद धीरे-धीरे उनकी रूचि राजनीति की तरफ बढ़ी और उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया।
- नीलम गोरे शिवसेना की एक वफादार सदस्य रही हैं, 2002 से एमएलसी के रूप में कार्यरत हैं और तीन बार उच्च सदन के लिए फिर से नामांकित हुई हैं।
- नीलम गोरे राजनीति के साथ-साथ उद्धव ठाकरे की सहायक भी थी, जिसके बाद अब नीलम ने देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में शिंदे गुट का हाथ थाम लिया।
- नीलम गोरे का जन्म 1954 में हुआ था और उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है।
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