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इंडिया न्यूज, Delhi News (Amul Letter to PMO):
भारत में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा। यानि कि पैक्ड जूस और डेयरी उत्पादों के साथ मिलने वाले प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर प्रतिबंध होगा। प्लास्टिक कचरे की वजह से ही सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है। सरकार के इस फैसले से कई सारी ऐसी कंपनियां सकते में हैं।
इस निर्णय के मद्देनजर देश के सबसे बड़े डेयरी समूह अमूल ने सरकार को पत्र लिखा है। अमूल ने सरकार से प्लास्टिक स्ट्रॉ पर लगने वाले प्रतिबंध को कुछ समय के लिए टालने का आग्रह किया है। जानकारी के मुताबिक डेयरी कंपनी अमूल ने पर्यावरण मंत्रालय से प्लास्टिक स्ट्रॉ पर प्रतिबंध को एक साल के लिए टालने का अनुरोध किया। कंपनी के मुताबिक घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कागज के स्ट्रॉ की कमी है।
अमूल ने पत्र में लिखा था कि प्लास्टिक के स्ट्रॉ दूध की खपत को बढ़ाने में मदद करते हैं। अत: प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर बैन लगने की वजह से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश के किसानों और दूध की खपत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि सरकार ने अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अत: ये माना जा रहा है कि 1 जुलाई से सिंगल यूज वाले प्लास्टिक प्रतिबंधित हो जाएंगे।
अमूल के प्रबंधक निदेशक आर.एस. सोढ़ी ने कहा कि यदि सरकार प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन को कुछ समय के लिए टाल देती है तो देश के 10 करोड़ डेयरी किसानों को राहत मिलेगी। सोढ़ी के मुताबिक प्लास्टिक स्ट्रॉ हमारे बटर मिल्क और लस्सी के टेट्रा पैक के साथ ही जुड़ा होता है। अमूल को प्रतिदिन 10 से 12 लाख प्लास्टिक स्ट्रॉ की जरूरत होती है। सोढ़ी ने कहा कि हमने मंत्रालय से आग्रह किया है कि स्थानीय उद्योग को कागज के स्ट्रॉ के उत्पादन की सुविधाएं विकसित करने के लिए एक साल का समय दिया जाए।
जिनके प्रोडक्ट सिंगल यूज प्लास्टिक में आते हैं। जैसे जूस, दूध आदि कई प्रोडक्ट पर प्लास्टिक स्ट्रॉ होता है। तो क्या 1 जुलाई से आपके जूस पीने का तरीका बदल जाएगा। क्योंकि जूस के टेट्रा पैक के साथ अब स्ट्रॉ नहीं मिलेगा। देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगने के साथ-साथ इसमें प्लास्टिक स्ट्रॉ भी शामिल किया गया है। वहीं एक ओर जहां सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर एक जुलाई से लगने वाली रोक से पर्यावरण कार्यकर्ता खुश हैं वहीं टेट्रा पैक में अपने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां घबराईं हुई हैं।
इस बारे में पेय पदार्थों की बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली रीसाइक्लिंग बेवरेज कार्टन के एक्शन एलायंस के प्रवीण अग्रवाल ने बताया था कि प्रतिबंध को देखते हुए इंडोनेशिया और अन्य देशों से पेपर स्ट्रॉ के आयात करने पर विचार कर रही हैं। वहीं पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी शौना चौहान ने बताया था कि कंपनी ने अभी के लिए पेपर स्ट्रॉ का आयात शुरू कर दिया है लेकिन यह टिकाऊ नहीं है।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के फैसले ने अमूल, पेप्सिको और कोका-कोला सहित कई बेवरेज कंपनियों को हिला दिया है। ये वो कंपनियां हैं जिनके उत्पाद छोटे पैकेट में आते हैं और उनके साथ प्लास्टिक की स्ट्रॉ लगी होती है। सिगंल यूज प्लास्टिक पर बैन से प्रोडक्ट पैकेजिंग पर काफी असर पड़ेगा।
अमूल, फ्रूटी, डाबर पारले और अन्य पेय पदार्थ उत्पादन करने वाली कंपनियां अपने उत्पाद के साथ सिंगल यूज स्ट्रॉ देती है। 5 से 20 रुपये के बीच मिलने वाला जूस, एप्पी, लस्सी और एनर्जी ड्रिंक और छाछ जैसे टेट्रा पैक के साथ आने वाली इन स्ट्रॉ पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन के तहत रोक लगा दी गई है।
कई देसी-विदेशी बेवरेज कंपनियों ने प्लास्टिक स्ट्रॉ को इसमें छूट देने की मांग की थी लेकिन सरकार ने इसे ठुकरा दिया था। कंपनियों ने इस प्लास्टिक बैन को आगे बढ़ाने की अपील भी कर चुके हैं ताकि कुछ समय में उसे लेकर एक दूसरा इंफ्रास्टक्टर खड़ा किया जा सके।
सिंगल यूज प्लास्टिक वह प्लास्टिक होता है जिसका इस्तेमाल एक ही बार किया जाता है। इसके बाद ग्राहक उसे फेंक देता है। ये सिंगल यूज प्लास्टिक लैंडफिल साइटों पर कूड़े का अंबार बन जाते हैं। सरकार ने पिछले साल अगस्त में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसमें जुलाई 2022 से तमाम तरह आइटमों पर प्रतिबंध लागाने के लिए कहा था।
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