India News (इंडिया न्यूज), Gold price in India: सोने की कीमतों में उछाल ने भारत में नया रिकॉर्ड बनाया है। भारत में सोने की कीमत पहली बार 76,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच गई है। यह उछाल दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में भी देखने को मिला है। इस उछाल के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़े कारकों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे विभिन्न राजनीतिक तनाव शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। स्पॉट सोना (यानी तत्काल डिलीवरी के लिए उपलब्ध सोना) 0.2% बढ़कर 2,628.28 डॉलर (करीब 2,19,000 रुपये प्रति औंस) पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले इसने 2,630.93 डॉलर (करीब 2,19,150 रुपये प्रति औंस) का रिकॉर्ड बनाया था। एक औंस का वजन 28 ग्राम होता है।
इस साल सोने की कीमत में करीब 27% की बढ़ोतरी हुई है, जो 2010 के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि होने की संभावना है। अमेरिकी सोने के वायदे (सोने की भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने वाला एक अनुबंध) में भी 0.3% की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह 2,653 डॉलर (लगभग 2,21,000 रुपये प्रति औंस) हो गया।
फेडरल रिजर्व (अमेरिका का केंद्रीय बैंक) ने हाल ही में ब्याज दरों में आधे प्रतिशत की कटौती की है और संकेत दिया है कि साल के अंत तक और कटौती की जा सकती है। यह बताना जरूरी है कि जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोने जैसी गैर-उपज वाली संपत्तियों को रखने की लागत कम हो जाती है, जिससे निवेश के लिए सोना अधिक आकर्षक हो जाता है। इसका सीधा सा मतलब है कि सोने में निवेश करने वाले लोग इससे बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
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भू-राजनीतिक जोखिम भी सोने की कीमतों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। हाल ही में हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच मुठभेड़ ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। इजरायल ने लेबनान में एक साथ करीब 1000 पेजर (बात करने का एक उपकरण) पर बमबारी की थी। इन धमाकों के बाद तनाव और बढ़ गया है। इसके बाद हिजबुल्लाह ने रॉकेट हमले तेज करके खुली जंग का ऐलान भी कर दिया है। इस घटनाक्रम ने सोने की मांग को और बढ़ा दिया है, क्योंकि लोग इसे ‘सुरक्षित निवेश’ के तौर पर देख रहे हैं।
यह समय निवेशकों के लिए अवसरों और चुनौतियों दोनों से भरा है। मौजूदा माहौल में सोना एक गैर-लाभकारी परिसंपत्ति के रूप में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है। निवेशकों को इन कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि ब्याज दरों में कटौती और अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता के बीच सोना एक स्थिर और आकर्षक निवेश विकल्प बन सकता है। फेडरल रिजर्व की मौद्रिक ढील और बढ़ती अनिश्चितताओं के कारण सोने के निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचने का एक शानदार मौका मिल सकता है।
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