इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोरोना वायरस के 2020 में आने के बाद कई लहरें आई जिससे विश्व के कई बड़े देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 की 3 लहरें झेलने के बावजूद जबरदस्त वापसी की है। यह कहना है अमेरिकी ट्रेजरी विभाग, जिसने हाल ही में कांग्रेस को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने अपनी अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट में ट्रेजरी ने कहा कि हालांकि भारत में दूसरी लहर ने 2021 के मध्य तक विकास पर भारी दबाव डाला, जिससे आर्थिक सुधार में देरी हुई लेकिन अब यह सही राह पर है। बताया गया है कि भारत सरकार ने 2021 में महामारी के खिलाफ अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता प्रदान करना निर्बाध रूप से जारी रखा। अनुमान लगाया गया कि 2022 के वित्तीय वर्ष के लिए कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी के 6.9 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो कि पूर्व-महामारी के घाटे से अधिक है।
इतना ही नहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2020 से अपनी प्रमुख नीतिगत दरों को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। इससे विकास को बढ़ावा देने में काफी मदद मिली। हालांकि जनवरी 2021 में कोरोना के शुरूआती भाग के दौरान विकास का समर्थन करने के लिए डिजाइन किए गए असाधारण तरलता उपायों को धीरे-धीरे खोलना शुरू कर दिया था।
यूएस ट्रेजरी ने भारत के टीकाकरण प्रयासों की भी प्रशंसा की। कहा कि टीकाकरण अभियान में तेजी आने के साथ ही बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल आया। 2020 में 7 प्रतिशत की गिरावट के बाद साल 2021 की दूसरी तिमाही तक, उत्पादन पूर्व-महामारी के स्तर पर लौट आया। इसमें 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 के अंत तक भारत की लगभग 44 प्रतिशत आबादी को टीका लगाया जा चुका था।
भारत में कोरोना की तीसरी लहर भी आई। साल 2022 की शुरूआत के बाद से भारत को ओमिक्रॉन वैरिएंट का सामना करना पड़ा। लेकिन पहले से तैयारी के कारण ज्यादा मौतें नहीं हुई और व्यापक आर्थिक गिरावट सीमित रहीै।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की मुद्रा मॉनिटरिंग लिस्ट में भारत ने अपना स्थान बनाए रखा। ट्रेजरी के सचिव जेनेट एल येलेन ने कहा कि भारत ने दिसंबर 2021 और अप्रैल 2021 की रिपोर्ट में 3 में से 2 मानदंडों को पूरा किया है। इसमें अमेरिका के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय ट्रेड सरप्लस था। वाशिंगटन ने भारत को 11 अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ रखा है जो अपनी मुद्रा और व्यापक आर्थिक नीतियों को लेकर मजबूत माने जाते हैं।
मॉनिटरिंग लिस्ट में चीन, दक्षिण कोरिया, भारत, जापान, इटली, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, ताइवान, वियतनाम और मैक्सिको शामिल हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने विदेशी मुद्रा नीतियों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की। इसको कहा गया है कि ताइवान और वियतनाम को छोड़कर दिसंबर 2021 की रिपोर्ट में निगरानी सूची में सभी देश थे।
ये भी पढ़े : सेंसेक्स 1016 अंक टूटा, निवेशकों को 3.25 लाख करोड़ का नुक्सान
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़े : सोने चांदी की कीमतों में फिर से गिरावट, जानिए कितना है 10 ग्राम सोने का भाव
ये भी पढ़ें : Credit Card वालों के लिए खुशखबरी, आरबीआई ने यूपीआई से लिंक को दी मंजूरी
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
सफेद बालों को मिनटों में काला करने के लिए लगाएं ये नेचुरल हेयर डाई, बस…
Sharad Pawar: शरद पवार ने अपने गढ़ बारामती में लोगों से कहा था कि वे…
India News(इंडिया न्यूज)Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में वन्य प्राणी दस्ता नबरंगपुर वन मंडल, उदंती-सीतानदी…
India News UP(इंडिया न्यूज)UP By-Election Results 2024 : उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर…
India News (इंडिया न्यूज़),UP Bypoll Results 2024: UP उपचुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए…
India News(इंडिया न्यूज) Rajasthan News : राजस्थान के बालोतरा जिले में एक युवती के प्रेम…