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कमाई और इकॉनमी में हैं पीछे, फिर भी भारत में प्रॉपर्टी के दाम अमेरिका और यूरोप से भी ज्यादा, इसके पीछे की वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

Indian Real Estate Prices : भारत में प्रॉपर्टी के दाम बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। आप इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि देश में प्रॉपर्टी की कीमतें अमेरिका और यूरोप से भी ज्यादा महंगी हो गई हैं। घरों की कीमतें में जैसे आग लग गई हो, इसकी वजह से आम आदमी हैरान-परेशान है और बेबस हो रखा है।

BY: Shubham Srivastava • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Indian Real Estate Prices : भारत में प्रॉपर्टी के दाम बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। आप इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि देश में प्रॉपर्टी की कीमतें अमेरिका और यूरोप से भी ज्यादा महंगी हो गई हैं। घरों की कीमतें में जैसे आग लग गई हो, इसकी वजह से आम आदमी हैरान-परेशान है और बेबस हो रखा है। कमाई और इकॉनमी के मामले में हमसे काफी आगे रहने वाले अमेरिका और यूरोप से भी ज्यादा महंगी प्रॉपर्टी भारत में मिल रही है, लेकिन इसके पीछे क्या वजह है ये किसी को नहीं पता है। लेकिन जानकारों की माने तो वो इन सब के पीछे काले धन को जिम्मेदार मानते हैं। न्यूज 18 में पब्लिश एक खबर में पेट्रोफैक के सप्लाई चेन डायरेक्टर योगेन शाह ने देश में महंगी होती प्रॉपर्टी के पीछे का कारण भ्रष्टाचार से कमाए गए काले धन को बताया है।

योगेन शाह ने बताया कि इस बाजार में पारदर्शिता नाम की चीज ही नहीं है। जहां बैंक से 50,000 रुपये निकालने पर सवाल उठते हैं, वहीं रियल एस्टेट में करोड़ों रुपये बिना किसी सख्त जांच के इधर से उधर हो रहे हैं. शाह ने तंज कसते हुए पूछा, आप अपने परिवार के उन सदस्यों के नाम पर भी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, जो कमाते भी नहीं। यह कैसे संभव है?

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भारत और अमेरिका में तुलना?

आर्थिक आंकड़ों को दर्शाते हुए योगेन शाह ने बताया कि अमेरिका की जीडीपी 27 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि भारत की सिर्फ 4 ट्रिलियन डॉलर। वहां प्रति व्यक्ति सालाना आय 60,000 डॉलर है, और हमारे यहां मुश्किल से 2,500 डॉलर। फिर भी भारत में घरों की कीमतें, वहां से आगे निकल रही हैं। उन्होंने शेयर बाजार से इसकी तुलना करते हुए बताया कि यहां पर शेयरों की कीमत किसी कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, लेकिन रियल एस्टेट में ऐसा कुछ नहीं। हवा खराब हो, पानी की किल्लत हो, ट्रैफिक का बुरा हाल हो, फिर भी कीमतें कम होने का नाम नहीं लेतीं। उल्टा, भीड़ बढ़ती है तो दाम और बढ़ते हैं।

अब इस मुद्दे पर लोग सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि इन कीमतों पर घर खरीदने का तो सपना भी नहीं देख सकता. सड़कें टूटी, पानी प्राइवेट टैंकरों से, बिजली गुल, फिर भी दाम आसमान पर। कौन इस बाजार को नियंत्रित कर रहा है, भगवान जाने!, तो दूसरे ने लिखा कि एक शहर में एक व्यक्ति को एक से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. आधार कार्ड से इसे जोड़ा जाए ताकि निवेशक बाजार को न बिगाड़ सकें।

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