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इंडिया न्यूज, मुम्बई:
(RBI News) नियमों की अवहेलना करने पर सहकारी बैंकों पर आरबीआर्ई की कार्रवाई निर्बाध रूप जारी है। इसी कड़ी में आरबीआई ने महाराष्ट्र के एक और सहकारी बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने बताया कि कोल्हापुर स्थित महशंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड खराब वित्तीय स्थिति में है।
अत: यह कामकाज करने की स्थिति में नहीं है। आरबीआई के फैसले के बाद इस बैंक के अकाउंट होल्डर्स फिलहाल पैसे नहीं निकाल पाएंगे। बैंक में मौजूद धन यानी लिक्विडिटी को ध्यान में रखते हुए सभी बचत, चालू या अन्य खातों में जमा रकम से जमाकतार्ओं को रकम निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हालांकि, शर्तों के अनुसार जमा के खिलाफ लोन की वसूली की जा सकती है।
हालांकि बैंक के 99.88 फीसदी जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) बीमा योजना के दायरे में हैं। इस कारण 5 लाख रुपए तक की जमा राशि का बीमा होता है। इस बारे जानकारी देते हुए आरबीआई ने बताया कि शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक पर 13 मई, 2022 को कारोबार बंद होने से 6 महीने की अवधि के लिए लागू की गई है। इस अवधि के दौरान बैंक के कामकाज की समीक्षा होती रहेगी।
केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि उसके इस कदम को बैंक का लाइसेंस रद्द करना नहीं माना जाना चाहिए। केंद्रीय बैंक की परमिशन के बिना यह बैंक किसी भी लोन और ग्रांट को रिन्यू नहीं कर सकता है। वहीं इसमें अब कोई निवेश भी नहीं कर सकता है। इन प्रतिबंधों के बीच बैंक अपनी किसी संपत्ति को बेच भी नहीं सकता है।
गौरतलब है कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंकों में जमा 5 लाख रुपए तक की राशि का बीमा होता है। इसमें ग्राहकों की 5 लाख तक की राशि सुरक्षित रहती है। यदि कोई बैंक दिवालिया हो जात है या उसका लाइसेंस रद्द हो जाता है तो ग्राहकों की 5 लाख तक की राशि डूबने का खतरा नहीं रहता है। दरअसल, डीआईसीजीसी, रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी है, जो बैंक जमा पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है।
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