संबंधित खबरें
भारत में कैसे करोड़पति बन रहे 30 की उम्र के लोग? 2030 तक होने वाला है बड़ा धमाका, जानें कमाई के 3 जबरदस्त तरीके
निर्मला सीतारमण ने भगोड़े विजय माल्या को खून के आंसू रुलाया, कैसे विदेश में बैठे क्रिमिनल को निचोड़ा? खुद सुनाया दोगुने लगान का दर्द
हाईकोर्ट ने धारावी झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए Adani Group को दिए गए टेंडर को रखा बरकरार
Adani की सकारात्मकता के मुरीद हुए Kapil Dev, टीम इंडिया को दी सीख लेने की नसीहत
कौन हैं विधि सांघवी जो चलाती हैं ₹44,820 करोड़ की कंपनी? इनके नेतृत्व में रॉकेट की रफ्तार से भर रही है उड़ान, मुकेश अंबानी से है खास कनेक्शन
अदाणी समूह ने 'We Do It' अभियान की घोषणा की, जाने कैसे आम लोगों को मिलेगी इससे मदद?
इंडिया न्यूज, Rupee Depreciates : हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन एक ओर शेयर बाजार में भारी बिकवाली आई है तो वहीं करंसी बाजार में रुपया भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है। शुरूआती कारोबार के दौरान विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज 10 पैसे की कमजोरी के साथ 79.80 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे की कमजोरी के साथ 79.70 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
बीते दिन वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे की कमजोरी के साथ 79.70 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले बुधवार को रुपया 29 पैसे कमजोर होकर 79.44 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। मंगलवार को रुपया 38 में पैसे की मजबूती आई थी और यह 79.15 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे की मजबूती के साथ 79.52 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
डॉलर महंगा या सस्ता होने पर देश के आयात पर सीधा असर करता है। जैसे कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी क्रूड आॅयल आयात करता है। इसका भुगतान डॉलर में करना होता है। यदि डॉलर महंगा होता है तो हमें ज्यादा कीमत देनी पड़ती है। भारत को काफी ज्यादा खर्च करना पड़ता है। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बनाता है और इस कारण रुपये की कीमत भी प्रभावित होती है। वहीं यदि डॉलर सस्ता होता है तो खर्चा कम होता है। इससे राहत मिलती है। प्रतिदिन डॉलर में उतार चढ़ाव के कारण रुपये की स्थिति बदलती रहती है।
रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।
ये भी पढ़ें : तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक की स्टॉक मार्केट पर लिस्टिंग कमजोर
ये भी पढ़ें : 700 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स फिर से 60 हजार के नीचे, आईटी शेयरों में बिकवाली से बढ़ा दबाव
ये भी पढ़ें : 22 सितम्बर से बंद हो जाएगा ये बैंक, फटाफट निकाल लें अपनी रकम
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.