संबंधित खबरें
भारत में कैसे करोड़पति बन रहे 30 की उम्र के लोग? 2030 तक होने वाला है बड़ा धमाका, जानें कमाई के 3 जबरदस्त तरीके
निर्मला सीतारमण ने भगोड़े विजय माल्या को खून के आंसू रुलाया, कैसे विदेश में बैठे क्रिमिनल को निचोड़ा? खुद सुनाया दोगुने लगान का दर्द
हाईकोर्ट ने धारावी झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए Adani Group को दिए गए टेंडर को रखा बरकरार
Adani की सकारात्मकता के मुरीद हुए Kapil Dev, टीम इंडिया को दी सीख लेने की नसीहत
कौन हैं विधि सांघवी जो चलाती हैं ₹44,820 करोड़ की कंपनी? इनके नेतृत्व में रॉकेट की रफ्तार से भर रही है उड़ान, मुकेश अंबानी से है खास कनेक्शन
अदाणी समूह ने 'We Do It' अभियान की घोषणा की, जाने कैसे आम लोगों को मिलेगी इससे मदद?
इंडिया न्यूज, Rupee Weakens : डॉलर के मुकाबले रुपया आज फिर से कमजोरी के साथ खुला है। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 4 पैसे की कमजोरी के साथ 79.84 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे की कमजोरी के साथ 79.80 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। गौरतलब है कि आज भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल है। सेंसेक्स में लगभग 400 अंकों का उछाल आ चुका है। वहीं निफ्टी भी 130 अंकों की तेजी के साथ 17350 के ऊपर कारोबार कर रहा है।
बीते सप्ताह हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे की कमजोरी के साथ 79.80 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की कमजोरी के साथ 79.56 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि मंगलवार को रुपये में 51 पैसे की जबरदस्त मजबूती आई थी और यह 79.45 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की कमजोरी के साथ 79.96 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।
डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है। आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है।
इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।
ये भी पढ़ें : सेंसेक्स में 350 अंकों की तेजी, निफ्टी 17300 के पार
ये भी पढ़ें : क्रूड आयल की कीमतों में गिरावट के बीच पेट्रोल डीजल की कीमतें जारी
ये भी पढ़ें : चर्चा में आए बगैर काम करना पसंद था साइरस मिस्त्री को, जानिए उनके जीवन से जुड़े अहम तथ्यों के बारे में
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.