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रुपया 6 पैसे कमजोर, जानिए कितना हुआ एक डॉलर का दाम

इंडिया न्यूज, (Rupee Weakens): एक तरफ शेयर बाजार में बिकवाली आई है तो वहीं दूसरी ओर विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये में भी कमजोरी आई है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 6 पैसे की कमजोर होकर 79.62 रुपये के स्तर पर खुला। जिससे एक बार फिर से चिंता बढ़ रही है। हालांकि जीडीपी के मुद्दे […]

BY: Bharat Mehndiratta • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, (Rupee Weakens): एक तरफ शेयर बाजार में बिकवाली आई है तो वहीं दूसरी ओर विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये में भी कमजोरी आई है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 6 पैसे की कमजोर होकर 79.62 रुपये के स्तर पर खुला। जिससे एक बार फिर से चिंता बढ़ रही है। हालांकि जीडीपी के मुद्दे पर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। लेकिन रुपये का मजबूत होना भी बहुत जरूरी है।

जानिए पिछले 5 दिनों के रुपए का क्लोजिंग स्तर

गौरतलब है कि बीते दिन वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे कमजोर होकर 79.56 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि मंगलवार को रुपये में जोरदार मजबूती आई थी और यह 51 पैसे मजबूत होकर 79.45 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की कमजोरी के साथ 79.96 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 2 पैसे की मजबूती के साथ 79.86 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था।

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Rupee Weakens

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का असर

रुपया की कीमत बढ़ने और कम होने से देश के आयात एवं निर्यात पर खासा असर पड़ता है। रुपया की कीमत डॉलर के तुलना में मांग एवं आपूर्ति से तय होती है। दरअसल, हर देश अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाली वस्तुओं का भुगतान करता है।

वहीं रिजर्व बैंक आफ इंडिया हर सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी करता है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा या घटा है और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।

डॉलर महंगा होने पर क्या असर होता है

डॉलर महंगा या सस्ता होने पर देश के आयात पर सीधा असर करता है। जैसे कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी क्रूड आयल आयात करता है। इसका भुगतान डॉलर में करना होता है। यदि डॉलर महंगा होता है तो हमें ज्यादा कीमत देनी पड़ती है। भारत को काफी ज्यादा खर्च करना पड़ता है।

इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बनाता है और इस कारण रुपये की कीमत भी प्रभावित होती है। वहीं यदि डॉलर सस्ता होता है तो खर्चा कम होता है। इससे राहत मिलती है। प्रतिदिन डॉलर में उतार चढ़ाव के कारण रुपये की स्थिति बदलती रहती है।

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