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इंडिया न्यूज, Share Market Closing 7 September: भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट में बंद हुआ है। बीएसई का 30 शेयरों वाला मुख्य सूचकांक सेंसेक्स 168.08 अंक टूटकर 59028.91 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 31.20 अंक फिसलकर 17624.40 अंक पर रहा। बाजार में कई प्रमुख सेक्टरों में बिकवाली देखी गई है। मुख्यत: बैंक, फाइनेंशियल और आटो शेयरों में बिकवाली रही। वहीं इसके उल्ट आईटी, फार्मा, मेटल, एफएमसीजी और रियल्टी शेयरों में खरीदारी रही है।
बीएसई की छोटी और मझौली कंपनियों में लिवाली हुई, जिससे बाजार को बल मिला और वह और अधिक गिरने से बच गया। गौरतलब है कि आज विदेशी मुद्रा भंडार में रुपया भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी में खुला था। रुपया 5 पैसे कमजोर होकर 79.89 रुपये प्रति डॉल्र के स्तर पर खुला। इससे पहले मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की मजबूती के साथ 79.84 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ 12 शेयर हरे निशान में और 18 शेयर गिरावट में बंद हुए हैं। वहीं निफ्टी के 50 में से 26 शेयरों में खरीदार आई जबकि 24 शेयर गिरावट में बंद हुए हैं। आज के टॉप लूजर्स में INDUSINDBK, BHARTIARTL, M&M, MARUTI, SBIN, ICICIBANK, TATASTEEL, HDFC शामिल हैं।
इस दौरान मिडकैप 0.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 25,819.66 अंक और स्मॉलकैप 0.73 प्रतिशत चढ़कर 29,298.67 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान बीएसई में कुल 3580 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2131 में लिवाली जबकि 1323 में बिकवाली हुई वहीं 126 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
दरअसल, अमेरिका में अगस्त में सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इस महीने प्रस्तावित ओपेन मार्केट कमेटी की बैठक में ब्याज दरों में एक बार फिर से वृद्धि करने की संभावना प्रबल हो गई है। इसी कारण निवेशकों में भय है। वैश्विक बाजार में आई गिरावट का दबाव ही स्थानीय स्तर पर भी देखा गया है। वहीं डॉलर 24 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है जबकि वैश्विक शेयर बाजार पर दबाव बढ़ गया। साथ ही अगस्त में चीन का निर्यात वृद्धि दर सुस्त रहने से एशियाई बाजारों का भी नकारात्मक रुख रहा।
ब्रिटेन का एफटीएसई 0.67, जर्मनी का डैक्स 0.48, जापान का निक्केई 0.71 और हांगकांग का हैंगसेंग 0.83 प्रतिशत लुढ़क गया जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.09 प्रतिशत की मामूली बढ़त रही।
इन सभी कारकों नकारात्मक प्रभाव सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़ा है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल का दाम 90 डॉलर प्रति बैरल तक आने वाला है। इससे पहले फरवरी में कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब था। यानि कि क्रूड का दाम 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसके दामों 3 रुपए प्रति लीटर की कटौती हो सकती है।
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