संबंधित खबरें
भारत में कैसे करोड़पति बन रहे 30 की उम्र के लोग? 2030 तक होने वाला है बड़ा धमाका, जानें कमाई के 3 जबरदस्त तरीके
निर्मला सीतारमण ने भगोड़े विजय माल्या को खून के आंसू रुलाया, कैसे विदेश में बैठे क्रिमिनल को निचोड़ा? खुद सुनाया दोगुने लगान का दर्द
हाईकोर्ट ने धारावी झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए Adani Group को दिए गए टेंडर को रखा बरकरार
Adani की सकारात्मकता के मुरीद हुए Kapil Dev, टीम इंडिया को दी सीख लेने की नसीहत
कौन हैं विधि सांघवी जो चलाती हैं ₹44,820 करोड़ की कंपनी? इनके नेतृत्व में रॉकेट की रफ्तार से भर रही है उड़ान, मुकेश अंबानी से है खास कनेक्शन
अदाणी समूह ने 'We Do It' अभियान की घोषणा की, जाने कैसे आम लोगों को मिलेगी इससे मदद?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस एवं यूक्रेन के बीच चल रही जंग को 75 से भी ज्यादा दिन बीत चुके हैं। इस युद्ध के कारण विश्व के कई देशों में सप्लाइ चेन बाधित हुई है। विश्व में बढ़ती महंगाई को देखते हुए इंडोनेशिया ने खाद्य तेल का निर्यात बंद कर दिया था जिस कारण भारत को भी होने वाली सप्लाई बंद हो गई।
इसी को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि खाद्य तेलों (Edible oil) के आयात के लिए भारत नए विकल्पों की तलाश कर रहा है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से भारत को खाद्य तेलों के आयात में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चेन्नई में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहीं थी।
उन्होंने कहा कि खाद्य तेल (Edible oil) के आयात में कई बाधाएं हैं। हम खाद्य तेलों का आयात नहीं कर पा रहे हैं। सूरजमुखी तेल मिल रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। भारत यूक्रेन से बड़े पैमाने पर सूरजमुखी तेल का आयात करता रहा है लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा नहीं हो पा रहा है।
ऐसी स्थिति में हम कई दूसरे बाजारों से खाद्य तेलों का आयात कर रहे हैं और कुछ नए बाजारों पर भी हमारी नजर है। इसके साथ ही उन्होंने घरेलू कारोबारियों से इस मौके का फायदा उठाते हुए तेल निर्यात की संभावनाओं पर गौर करने को कहा।
सीतारमण ने कहा कि उद्योगपतियों को हर एक आपदा को अवसर में बदलने का मौका देखना चाहिए। केंद्र सरकार अपना समर्थन देने के लिए हमेशा ही तैयार है। उन्होंने ने भारतीय उद्योगों से आस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में साझा उद्यम लगाने के लिए भागीदार तलाशने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों में साझा उद्यम साझेदार का चयन करने से घरेलू उद्यमियों के लिए अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। पिछले कुछ महीनों में भारत ने आॅस्ट्रेलिया और यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे अधिकांश भारतीय उत्पादों को इन दोनों देशों में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी।
यह भी पढ़ें: शुरूआती बढ़त के बाद फिर लाल निशान में शेयर बाजार, Sensex 270 अंक लुढ़का
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
यह भी पढ़ें : आईपीओ अलॉटमेंट स्टेटस कैसे चेक करें
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.