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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
यूपीआई से लेन-देन की संख्या में हर माह इजाफा हो रहा है। मई महीने में यूपीआई लेन देन 10 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया। जोकि अब तक सबसे अधिक है। यूपीआई को 2016 में शुरू किए जाने के बाद एक महीने में होने वाला यह लेन देन सबसे ज्यादा है। यह आंकड़े नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया ने जारी किए हैं।
एनपीसीआई के ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई 2022 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए कुल 5.95 अरब ट्रांजैक्शन किए गए। इनकी कुल राशि 10.41 लाख करोड़ रुपए है जोकि मासिक हिसाब से लेन-देन की मात्रा 6.63 फीसदी है और मूल्य 5.91 फीसदी ज्यादा है। वहीं इससे पहले अप्रैल महीने में यूपीआई से 5.58 अरब लेन देन किए गए थे और लेन-देन की राशि 9.83 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई थी।
वित्त वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 46 अरब से ज्यादा 84.17 लाख करोड़ रुपये लेन-देन हुए। इस हिसाब से एक लाख करोड़ डॉलर का रिकॉर्ड पार हुआ। इससे पहले वित्त वर्ष 2021 में 22.28 अरब लेन-देन हुए, जिसकी कुल राशि 41.03 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह से मूल्य व मात्रा दोनों हिसाब से एक साल में दोगुना हुआ है।
जानना जरूरी है कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लेन देन की संख्या दोगुने से ज्यादा पहुंच गई है। मई 2021 में यूपीआई के जरिए लेनदेन की संख्या 2.54 अरब रही थी। महीने-दर-महीने के आधार पर देखें तो मई में ट्रांजैक्शन की संख्या में सात फीसदी का उछाल आया है, जबकि राशि छह फीसदी बढ़ी है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के कारण डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता पिछले 2 साल में तेजी से बढ़ी है। कोविड वायरस की पहली दो लहरों के बाद यूपीआई के माध्यम से लेनदेन बढ़ रहा है। इससे व्यापक तौर पर आर्थिक स्थिति सुधरने के संकेत मिल रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) डिजिटल भुगतान का उच्चतम संगठन है, जिसने 3-5 साल में यह लक्ष्य अगले 3 से 5 साल में हासिल करने की योजना बनाई है।
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