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Rajnandgaon Vidhan Sabha Seat: क्या बीजेपी के इस गढ़ पर कांग्रेस कर पाएगी कब्जा? जानें राजनांदगांव का इतिहास

Shanu kumari • LAST UPDATED : October 24, 2023, 12:58 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Rajnandgaon Vidhan Sabha Seat: छ्त्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव होनें मे महज 12 दिन का समय बाकी है। चुनाव आयोग द्वारा मतदान की तारीख और परिणाम की तारीख की घोषणा कर दी गई है। दो चरणों में चुनाव हौना है। पहला चरण 7 नवबंर को होगा। वहीं दूसरा चरण चुनाव 17 नवबंर को होना है। जिसकी गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी। ऐसे में प्रदेश के राजनीतिक इतिहास का पता होना बेहद जरुरी है। इसी कड़ी में अब हम राजनांदगांव विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे।

  • इस सीट पर ओबीसी फैक्टर
  • लगातार तीन कार्यकाल तक पकड़

15 सालों तक प्रदेश के मुखिया

राजनांदगांव जिला प्रदेश के वीआईपी जिलों में एक है। इसे बीजेपी का गढ़ भी कहा जाता है। यहां कुल चार विधानसभा सीटें हैं। बता दें कि राजनांदगांव पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का विधानसभा क्षेत्र है। 15 सालों तक प्रदेश के मुखिया पद संभालने वाले डॉ रमन सिंह यहां से विधायक है। साल 2008, 2013 और 2018 में बीजेपी को इस सीट से जीत मिली। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद राजनांदगांव से भाजपा को तीन सीटों पर जीत मिली।

1967-2018 तक का सफर

राजनांदगांव विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो 1967 में किशोरीलाल शुक्ला विधायक बनें। जिसके बाद उन्होंने 1972 के चुनाव में दुबारा जीत हासिल की। वहीं साल 1977 के चुनाव के दौरान बदलाव की लहर में कांग्रेस का किला ढह गया। इस चुनाव में जनता दल के ठाकुर दरबार सिंह को जीत मिली। जिसके बाद 1980 में फिर किशोरीलाल शुक्ला ने सत्ता हासिल किया। इसके बाद 1985 में कांग्रेस से बलबीर खानुजा और 1990 चुनाव में भाजपा के लीलाराम भोजवानी विधायक बनें।

1993 से लेकर 2008 तक भाजपा के बीच कड़ी टक्कर रही। साल 1993 में कांग्रेस नेता उदय मुदलियार ने चुनाव जीता। वहीं 1998 के चुनाव में भाजपा से लीलाराम भोजवानी को जीत मिली। जिसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस के उदय मुदलियार ने कमबैक किया। अपनी सीट पर कब्जा बनाते हुए उन्होंने एक बार फिर से 2008 में जीत हासील की। जिसके बाद साल 2008 में विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह राजनांदगांव से विधायक बनें। इसके बाद उन्होंने लगातार तीन कार्यकाल तक अपनी पकड़ बनाई रखी। साल 2008 से लेकर 2018 तक भाजपा का एकतरफा कब्जा रहा है।

यहां का जातीय समीकरण

अगर यहां की जातीय समीकरण की बात करें तो यहां सहसे ज्यादा आबादी पिछड़े वर्ग का है। जिसमें साहू,लोधी और यादव शामिल हैं। साथ ही इस क्षेत्र में सामान्य वर्ग की भी आबादी काफी अच्छी है। इस क्षेत्र का अधिकतर आबादी शहरी क्षेत्र का है। यहां की सीट पर ओबीसी फैक्टर हावी है। यहां के लिए ओबीसी और सामान्य वर्ग के लोग किंगमेकर का रोल अदा करते हैं। बता दें कि इस विधानसभा सीट में लगभग 2 लाख 8 हजार 267 मतदाता है। जिसमें 1 लाख 1 हजार 15 पुरुष वोटर हैं। वहीं 1 लाख 3 हजार 862 महिला मतदाताओं की संख्या है। जिसमें 3388 युवा मतादता का नाम शामिल है।

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