संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज़), Maa Katyayani, दिल्ली: मां दुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी देवी की पूजा आराधना की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना भक्तजन करते हैं। कहा जाता है की मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी है। इनका स्वरूप भाव और दिव्या होता है, इनका रंग स्वर्ण के समान चमकने वाला होता है। कात्यायनी माता शेर पर सवारी करती है और उनकी चार भुजाएं होती है। जिस में बाएं हाथों में कमल और तलवार वह दाहिने हाथों में स्वास्तिक व आशीर्वाद की मुद्रा अंकित होती है। वही कथा के अनुसार बताएं तो भगवान कृष्ण को पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा करंदी नदी के तट पर की थी।
भागवत पुराण के अनुसार बताएं तो देवी के अवतार की पूजा करने से भक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है। इसके साथ ही गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है। मां कात्यायनी के भक्ति उनकी उपासना द्वारा अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष, चारों फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। वही जो मां कात्यायनी देवी की आराधना करता है। उसके अंदर से रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाता है। Maa Katyayani
आधी रात में Amitabh Bachchan ने किया अजीबोगरीब पोस्ट, यूजर्स ने गुस्से में बरसाए कमेंट – Indianews
पूजा विधि की बात की जाए तो नवरात्रि के छठे दिन सबसे पहले कलश वे देवी के स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में सुगंध पुष्प लेकर देवी के चरणों में अर्पित करें। भोग लगाकर आरती करें इसके साथ ही देवी की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा भी करें।
माता के मन पसंदीदा भूख की बात की जाए तो मां कात्यायनी को शहद बहुत पसंद होता है। इस दिन मां को शहद अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही आप शहद से बनी पकवानों को भी माता को भोग रूप में अर्पित कर सकते हैं।
स्विगी डिलीवरी बॉय पर Sonu Sood ने किया पोस्ट, यूजर्स ने सोशल मीडिया पर कर दिया ट्रोल – India News
वैसे देखा जाए तो देवी दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय होता है, लेकिन विशेष रूप से देवी कात्यायनी का प्रिय रंग लाल ही है। इस वजह से पूजा में आप मां कात्यायनी को लाल रंग के गुलाब का फूल अर्पित करें इससे मां कात्यायनी आप पर प्रसन्न होंगी।
मां कात्यायनी से जुड़ी पौराणिक कथा की बात की जाए तो कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए इन्हें कार्तिकेय गोत्र में विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्यान उत्पन्न हुए थे। उन्होंने भगवती पराम्बा की आराधना और उपासना करते हुए कई वर्षों तक कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि वह मां भगवती को अपने घर पुत्री के रूप में जन्म लेते हुए देखें। मां भगवती ने उनकी इस प्रार्थना को स्वीकार किया और कुछ समय बाद दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर अधिक हुआ। जिस दौरान भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को प्रकट करने में लगाया। महर्षि कात्यान ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की और देवी उनकी पुत्री कात्यायनी के रूप में जन्म। Maa Katyayani
ईरान ने इजराइल पर शुरू किए हमले, 100 से अधिक मिसाइल और ड्रोन किए लॉन्च
1. या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2. चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना|
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि||
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.