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Ellenabad By Election 2021: ऐलनाबाद उपचुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

India News Editor • LAST UPDATED : October 28, 2021, 5:02 pm IST

डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़:
Ellenabad By Election 2021: एक दिन बाद ऐलनाबाद उपचुनाव होना है। सभी पार्टियों के दिग्गज अपने उम्मीदवार की जीत के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। एक तरह से उपचुनाव इन दिग्गजों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। कौन जीतेगा, इस बारे निश्चित रूप से कुछ कहना जल्दबाजी होगा लेकिन इतना जरूर है लेकिन ऐलनाबाद की जंग में इन दिग्गजों का काफी कुछ दांव पर लगा है। इस ऐलनाबाद चुनाव पर चुनावी रणनीतिकारों की भी निगाह लगी हुई है। भाजपा-जजपा समेत विपक्ष के तमाम नेता वहां डेरा डाले हुए हैं जो कि इस सीट पर हार जीत की महता बताने के लिए काफी है।

सीएम-धनखड़ के लिए भी उपचुनाव बना चुनौती Ellenabad By Election 2021

चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल ऐलनाबाद में पार्टी के कैंडिडेट गोविंद कांडा के लिए निरंतर प्रचार में जुटे हैं। वो लगातार कह रहे हैं कि भाजपा-जजपा सरकार ने ऐलनाबाद में पिछले 7 साल में विकास पर 700 करोड़ खर्च किए हैं और अगर उनका कैंडिडेट यहां से जीता तो ना केवल लोगों का सरकार में हिस्सा होगा बल्कि यहां के विकास में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगा। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ भी यहां डेरा डाले हुए हैं और पार्टी कैंडिडेट के लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं। इनके अलावा भी पार्टी के कई दिग्गज यहां डटे हैं। ऐसे में साफ है कि उपचुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा के लिए का सवाल बना हुआ है।

हुड्डा-सैलजा के लिए भी उपचुनाव नाक का सवाल बना Ellenabad By Election 2021

पार्टी के आला नेता और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी यहां अपने पार्टी कैंडिडेट पवन बेनीवाल के लिए कई जनसभा कर चुके हैं। वो निरंतर जीत का दावा कर रहे हैं। उनके बेटे व सांसद दीपेंद्र हुड्डा समेत पार्टी के 20 से ज्यादा विधायक प्रचार में जुटे हैं। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा तो काफी समय से ऐलनाबाद विधानसभा में डेरा डाले हुए हैं। ये भी बता दें कि बैनीवाल को उन्होंने ही पार्टी ज्वाइन करवाई थी। ऐसे में एक तरह से उनके लिए ये उपचुनाव कहीं ज्यादा प्रतिष्ठा का सवाल है।

इनेलो सुप्रीमो और बेटे अभय चौटाला को खुद को साबित करना Ellenabad By Election 2021

इनेलो पिछले चुनाव में महज एक सीट जीत पाई थी। अभय चौटाला सिर्फ अपनी ही सीट बचा पाए थे। किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध अभय ने इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद कई महीने तक सीट खाली रही। अब 30 अक्टूबर को चुनाव होना है तो ऐसे में इनेलो के लिए जीत जीतना काफी कुछ मायने रखता है। वहीं पिता ओपी चौटाला खुद प्रचार की कमान संभाल रहे हैं और कई दफा प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। ऐसे में चौटाला परिवार के लिए ये चुनाव अस्तित्व की लड़ाई से कम नहीं है।

जजपा के अजय-दुष्यंत ने बनाया नाक का सवाल Ellenabad By Election 2021

इनेलो से अलग होने के बाद जजपा पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष अजय चौटाला पूरी तरह से अपने भाई अभय के खिलाफ प्रचार में जुटे हैं। वो सत्ता में भाजपा के सहयोगी हैं और निरंतर भाजपा-जजपा के संयुक्त उम्मीदवार गोविंद कांडा को जीतवाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। वो अपने पिता ओपी चौटाला पर भी खासे हमलावर हैं। वहीं दुष्यंत चौटाला भी चाचा अभय को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। उनके भाई दिग्विजय ने भी चाचा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में अगर भाजपा-जजपा का कैंडिडेट हारता है तो ये इनके लिए फजीहत वाली स्थिति होगी ।

किसान नेताओं ने भी डेरा डाला ऐलनाबाद में Ellenabad By Election 2021

किसान खुलकर अभय चौटाला के समर्थन में आ रखे हैं। एक तरह से वो भी इस चुनावी लड़ाई में कूद चुके हैं। किसान नेताओं ने भी ऐलनाबाद में डेरा डाल लिया है। किसान नेता राकेश टिकैत निरंतर अपील कर रहे हैं कि इनेलो कैंडिडेट के पक्ष में प्रचार में जुटे हैं। एक तरह से किसानों ने भी उपचुनाव को नाक का सवाल बना लिया है। पंजाब के किसान नेता भी यहां डटे हुए हैं। ऐसे में कुछ हद तक इसका फायदा इनेलो को मिलता दिख रहा है तो वहीं अन्य दलों को इसका नुकसान होना तय है।

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