Hindi News / Chhattisgarh / Chhattisgarh News Schools Closed Due To Naxal Violence In Bastar Reopened

बस्तर में नक्सल हिंसा से बंद पड़े 260 स्कूल फिर खुले 

नक्सलियों ने भवन ध्वस्त कर बंद कराया था, अब फिर बजेगी घंटी 11 हजार से अधिक बच्चों तक पहुंचेगा शिक्षा का उजियारा इंडिया न्यूज, Chhattisgarh News:  छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा की वजह से डेढ़ दशक से बंद पड़े 260 स्कूलों में अब फिर से घंटी बजेगी। बस्तर संभाग के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में बंद […]

BY: Bharat Mehndiratta • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue
  • नक्सलियों ने भवन ध्वस्त कर बंद कराया था, अब फिर बजेगी घंटी
  • 11 हजार से अधिक बच्चों तक पहुंचेगा शिक्षा का उजियारा
इंडिया न्यूज, Chhattisgarh News: 
छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा की वजह से डेढ़ दशक से बंद पड़े 260 स्कूलों में अब फिर से घंटी बजेगी। बस्तर संभाग के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में बंद स्कूलों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल के बाद फिर से शुरू किया गया है। बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के ये ऐसे स्कूल हैं, जिनके भवन नक्सलियों ने ध्वस्त कर दिये थे।
राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा इन स्कूलों को फिर से खोले जाने की घोषणा की गयी। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों के खुलने से शिक्षा की बुनियाद मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि जहां गांव में पहले गोलियों की आवाज आती थी अब अक्षर ज्ञान की आवाज आती है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सल हिंसा की वजह से पिछले 15-20 सालों से 400 स्कूल बंद पड़े हुये हैं। इन स्कूलों के बंद होने से दूरस्थ एवं जनजाति क्षेत्रों के आदिवासी बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। अब इन क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पहल की है और इस शिक्षा सत्र से 260 स्कूलों को खोला गया है। जिनमें बीजापुर में 158, सुकमा में 97, नारायणपुर में 4 और दंतेवाड़ा में एक स्कूल शामिल है। इन स्कूलों से 11 हजार 13 विद्यार्थियों को शिक्षा सुलभ होगी।
 इन 260 स्कूलों में सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे – बच्चों की उपस्थिति दर्ज करना, पोटा केबिन या कहीं और पढ़ रहे बच्चों को अपने परिवार के साथ रहकर करने इन स्कूलों में प्रवेश दिलवाना, इन स्कूलों में शिक्षादूतों के साथ-साथ शिक्षकों की व्यवस्था, सीखने-सीखाने के लिए सभी अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं करते हुए बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

Tags:

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue