सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने गठबंधन सरकार भाजपा जजपा पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जजपा ने हरियाणा का शिक्षा तंत्र बर्बाद कर दिया है। कहा मौजूदा सरकार ने कोई नया स्कूल खोलने के बजाय सैकड़ों सरकारी स्कूलों पर ताला लगा दिया और माडल स्कूलों का बंटाधार कर दिया।
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि 8 साल में BJP-JJP ने हरियाणा का शिक्षा तंत्र बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने के लिए 27 नये विश्वविद्यालय व सैकड़ों स्कूल-कालेज बनाने के साथ-साथ अकेले शिक्षा महकमे में रिकार्ड 1 लाख से ज्यादा भर्ती करी थी।
जिसमें JBT, PGT से लेकर लेक्चरर, प्रोफेसर, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर शामिल हैं। लेकिन हरियाणा का शिक्षा विभाग अध्यापकों की भारी कमी से जूझ रहा है। अकेले शिक्षा विभाग में 40,000 से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए माडल स्कूल, किसान माडल स्कूल, आरोही माडल स्कूल बनाए थे। लेकिन, मौजूदा सरकार ने कोई नया स्कूल खोलने के बजाय सैकड़ों सरकारी स्कूलों पर ताला लगा दिया और माडल स्कूलों का बंटाधार कर दिया।
उन्होंने कलानौर के जर्जर और बदहाल हो चुके कन्या विद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा कि बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली भाजपा सरकार ने बेटियों के स्कूल की भी दुर्दशा कर दी है। स्कूल परिसर में आवारा पशु घूम रहे हैं, भारी मात्रा में मलबा, कचरा पड़ा हुआ है, स्कूल की दीवारें टूटी हुई हैं।
शहर के बीचों बीच मौजूद यह गर्ल्स स्कूल 5 गांव की लड़कियों के लिये अकेला स्कूल था और इसका एक समय काफी नाम था। लेकिन सरकार के नकारेपन के चलते पिछले कई वर्षों से कलानौर का राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय खंडहर पड़ा हुआ है।
स्कूल का भवन शराबियों, जुआरियों, नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। यहां छात्राओं को पढ़ाने की बजाय पशु बांधे जा रहे हैं। इसकी बदहाली को लेकर लगातार विधानसभा में आवाज उठाई गई, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
हालत इस कदर खराब हैं कि तीन साल से बजट मंजूर हुआ पड़ा है लेकिन बार-बार आश्वासन के बावजूद काम नहीं हो रहा है। हुड्डा ने एक खबर का हवाला देते हुए बताया कि हरियाणा के 63 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है।
40 स्कूल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है, जिससे बच्चे दाखिला नहीं ले पा रहे हैं।
शिक्षकों की कमी व सरकार के उलजलूल निदेर्शों से स्कूलों में नामांकन बढ़ने के बजाय कम हो रहे हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पीजीटी अध्यापक परीक्षार्थी भर्ती के लिये तो एक्सटेंशन लेक्चरर्स रोजगार सुरक्षा के लिये संघर्ष को मजबूर हैं।
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