Rahul Gandhi Appeal: राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट में अपनी सजा को चुनौती देते हुए कहा कि केवल नरेंद्र मोदी ही उनके खिलाफ मानहानि का केस कर सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि मामले में अपनी सजा को चुनौती देते हुए सोमवार 3 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट में याचिका दायर की थी।
राहुल गांधी ने तर्क दिया कि इस मामले में मोदी पीड़ित व्यक्ति नहीं थे और उन्हें शिकायत दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं था। कोर्ट में इस बात की तरफ ध्यान दिया गया कि आपराधिक कानून के तहत कोई भी केस कर सकता है लेकिन जहां तक धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का संबंध है, इस मामले में केवल पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है।
राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा कि व्यक्तिगत रूप से श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो कथित लांछन के लगाया गया है, उसके लिए केवल नरेंद्र मोदी को मानहानि के अपराध से पीड़ित व्यक्ति के रूप में माना जा सकता है और केवल नरेंद्र मोदी ही इसके लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं। पूर्णेश मोदी प्रतिवादी/शिकायतकर्ता को कोई अधिकार नहीं है उसकी ओर से शिकायत दर्ज करें।
मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल सजा सुनाई थी। 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में कहा था कि “ललित मोदी, नीरव मोदी, नरेंद्र मोदी, कैसे सभी चोरों के कॉमन सरनेम मोदी होते हैं। इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज की थी इसी मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई।
3 अप्रैल को राहुल गांधी ने सजा पर रोक और जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी। इसी दौरान राहुल गांधी की लीगल टीम ने कोर्ट में तर्क दिया कि इस मामले में केवल नरेंद्र मोदी ही अपील कर सकते हैं। राहुल गांधी की लीगल टीम ने सजा को चुनौती देते हुए 7 प्रमुख तर्क दिए हैं।
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