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एक महीने में ऐसे किया डिजिटल अरेस्ट…11.8 करोड़ की मोटी वसूली, बेंगलुरु के इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर संग बदमाशों ने की इतनी बड़ी ठगी?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 24, 2024, 6:03 pm IST
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एक महीने में ऐसे किया डिजिटल अरेस्ट…11.8 करोड़ की मोटी वसूली, बेंगलुरु के इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर संग बदमाशों ने की इतनी बड़ी ठगी?

Bengaluru Software Engineer Digital Arrest Case: ठगों ने पीड़ित से स्काइप ऐप डाउनलोड करवाया और वीडियो कॉल के जरिए खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया।

India News (इंडिया न्यूज), Bengaluru Software Engineer Digital Arrest Case: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक चौंकाने वाला डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है। यहां एक 39 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर एक महीने तक ब्लैकमेल किया और 11.8 करोड़ रुपये ठग लिए। मामला पुलिस में दर्ज होने के बाद इसका खुलासा हुआ।

कैसे शुरू हुई ठगी?

ठगी की शुरुआत 11 नवंबर को हुई, जब इंजीनियर को सुबह 10:30 बजे 8791120931 नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से खरीदे गए सिम का अवैध इस्तेमाल हो रहा है। कॉलर ने आरोप लगाया कि इस सिम का उपयोग धमकी देने और अवैध विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए किया जा रहा है। कॉलर ने बताया कि इस मामले में मुंबई के कोलाबा साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है।

इसके बाद, 7420928275 नंबर से कॉल करके एक फर्जी पुलिस अधिकारी ने इंजीनियर को डराया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है। कॉलर ने कहा कि यह मामला बड़े लोगों से जुड़ा हुआ है, और अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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स्काइप कॉल के जरिए विश्वास जीतने की कोशिश

ठगों ने पीड़ित से स्काइप ऐप डाउनलोड करवाया और वीडियो कॉल के जरिए खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। उन्होंने व्यवसायी नरेश गोयल का नाम लेते हुए कहा कि केनरा बैंक में उनके नाम से 6 करोड़ रुपये का खाता खोला गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है, और गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें पैसे ट्रांसफर करने होंगे।

गिरफ्तारी के डर से पैसे ट्रांसफर

25 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच, ठगों ने आरबीआई और सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए पीड़ित से अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए। ठगों ने कहा कि बैंक अकाउंट वेरिफाई किए जा रहे हैं और अगर पैसे ट्रांसफर नहीं किए गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस डर से इंजीनियर ने 75 लाख और 3.41 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए। कुल मिलाकर 11.8 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

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ठगी का अहसास और पुलिस में शिकायत

12 दिसंबर को जब ठगों ने और पैसे मांगे, तब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ठगों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

डिजिटल ठगी के प्रति सावधान रहें

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि ठग डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा देने में कितने शातिर हो गए हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  1. अज्ञात कॉलर्स की बातों पर तुरंत विश्वास न करें।
  2. कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स या ओटीपी, किसी के साथ साझा न करें।
  3. किसी भी संदिग्ध गतिविधि के मामले में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
  4. सरकारी अधिकारियों या संस्थानों के नाम पर आए कॉल की सत्यता की जांच करें।

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यह मामला दिखाता है कि कैसे जागरूकता और सतर्कता की कमी ठगी का शिकार बना सकती है। डिजिटल युग में सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।

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