संबंधित खबरें
घर आए पार्सल में निकली भयानक लाश! आतंकित हुए लोग, प्रशासन में हड़कंप
Rajasthan Crime News: घर में मिला महिला का शव, दरवाजा खोला तो उड़े पुलिस के होश, जांच में जुटी टीम
UP CRIME NEWS: कानपुर IIT की शादीशुदा छात्रा ने ACP पर लगाया रेप का आरोप, वकील ने किया बड़ा खुलासा…
Cyber Thug Sania: इस महिला ने बिहार पुलिस की नाक में किया दम, चार करोड़ से है कनेक्शन, जानें क्या है पूरा मामला
मुस्लिम लड़के ने हिन्दू लड़की के प्यार में मचाया कत्लेआम, दो भाइयों का किया बेरहमी से हत्या, मामला जान खौल जाएगा हिंदुओं का खून
बाल खींचें…पेट पर लात मारी, महिला कांस्टेबल के साथ भरी सड़क पर दो मुस्लिम हैवानों ने किया ऐसा काम, आप बीती सुनकर कांप जाएगी रूह
इंडिया न्यूज़ (बांका,Fake Police Station): बिहार पुलिस ने बांका जिले में पुलिस स्टेशन के पास एक गेस्ट हाउस के अंदर फर्जी सरकारी कार्यालय चलाने के आरोप में एक गिरोह को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने 17 अगस्त को इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड भोला यादव और उसकी सहयोगी अलका देवी सहित सात लोगों को अनुराग गेस्ट हाउस में फर्जी सरकारी कार्यालय चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. बांका के पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश ने कहा की, “भोला यादव और अलका देवी को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने एक नकली सरकारी कार्यालय भी चलाया जहाँ एक व्यक्ति को पुलिस कर्मियों और गार्ड के रूप में रखा गया था। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.”
गिरोह बांका पुलिस और बांका प्रशासन की नाक के नीचे सब-इंस्पेक्टर और गार्ड की पुलिस वर्दी का उपयोग करके सफलतापूर्वक अपना काम करता था। भोला यादव और अलका देवी के अलावा अन्य पांच आरोपियों की पहचान अनीता मुर्मू, आकाश मांझी, रमेश कुमार, वकील कुमार और जूली कुमारी मांझी के रूप में हुई है.
पुलिस कप्तान ने आगे कहा की, “अनुराग गेस्ट हाउस में स्थापित कार्यालय के भीतर जालसाजों को इतनी अच्छी तरह से रखा गया था कि एक आम नागरिक आसानी से उन्हें सरकारी कर्मचारी समझ सकता था, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इस फर्जी पुलिस स्टेशन का भंडाफोड़ किया है.”
पुलिस ने एक देशी पिस्तौल, बांका बीडीओ द्वारा जारी मतदाता कार्ड, पीएम आवास योजना के 500 से अधिक आवेदन पत्र, चार पुलिस वर्दी, बैंक चेक बुक, पांच मोबाइल फोन, जनता दल (यूनाइटेड) के जिलाध्यक्ष की मुहर, फर्जी पहचान पत्र सहित अन्य सामग्री बरमाद की है.
शुरुआती जांच में पता चला है कि भोला यादव ने पटना में एस्कॉर्ट पुलिस टीम के नाम से ऑफिस बनाया और लोगों को ठगा। गिरोह ने जांच के बहाने चल रही विभिन्न सरकारी परियोजनाओं से रंगदारी भी वसूल की.
पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश के मुताबिक पूछताछ के दौरान, अनीता और जूली ने कहा कि उन्होंने भोला को नौकरी पाने के लिए क्रमशः 90,000 रुपये और 55,000 रुपये की रिश्वत दी। भोला ने उन्हें फर्जी पुलिस थाने में तैनात कर दिया और दोनों ने सोचा कि उन्हें पुलिस सेवाओं में भर्ती किया गया है। बांका पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.