हैदराबाद: तेलंगाना में मां-बाप ने ही अपने इकलौते बेटे को जान से मारने की सुपारी दे डाली। अपने शराबी बेटे से काफी परेशान हो कर रचा अपने लाल के लिए यह खूनी खेल.
तेलंगाना के खम्मम जिले से काफी हैरान करने कर देने वाला ममला सामने आया है. माता-पिता ने अपने ही बेटे को जान से मरवाने के लिए 8 लाख की सुपारी दे दी. मां-बाप का कहना की वह अपने शराबी बेटे से बेहद परेशान थे, बेटा कोई कामकाज़ नही करता था, बेरोजगार था और आए दिन उन्हें सताया करता था, जिस करण वह बहुत परेशान रहने लगे थे। जिससे तहश में अकार उन्होनें अपने 26 साल के बेटे को मौत के घाट उतरवा दिया। बता दें कि युवक के माता-पिता राम सिंह मारिपेडा बांग्ला गांव में एक सरकारी गुरुकुल के प्रिंसिपल थे. दोनों ने मिलकर 8 लाख रुपये की सुपारी दी . बीते 18 अक्टूबर को युवक की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद शव को सूर्यापेट से पुलिस ने एक दिन बाद बरामद किया था। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए माता-पिता सहित पांच कथित हत्याकों में से चार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि कथित हत्यारों में से एक फरार है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, मृतक की मां ने अपने भाई सत्यनारायण से बेटे को मारने के लिए मदद मांगी। सत्यनारायण ने हत्या को अंजाम देने के लिए डी धर्मा, पी नागराजू, आर रवि, डी साई और बी रामबाबू को शामिल किया। मां-पिता ने बेटे को मारवाने के लिए 1.5 लाख रुपये एडवांस दिए और हत्या के तीन दिन बाद बाकी के 6.5 लाख रुपये देने पर राजी हो गए। 18 अक्टूबर को सत्यनारायण, रवि साईं राम को फैमिली कार में बैठाकर कल्लेपल्ली स्थित एक मंदिर में ले गया। वहां पर बाकी अन्य आरोपियों से मुलाकात की और पूरा प्लान तैयार किया. सभी साथियों और साईं राम सब ही नशे में धुत थे जिसके बाद प्लान को अंजाम देते हुए, साईं राम की रस्सी से गला घोंट कर हत्या कर दी गई।
इस मामले के सामने आने के बाद हर कोई परेशान था, 26 साल का साईं राम शराब के लिए पैसे देने से इनकार करने पर अपने माता-पिता के साथ गाली-गलौज और मारपीट करता था। परिवार के सदस्यों ने उसे हैदराबाद के एक पुनर्वास केंद्र भी भेजा था, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। जिस करण मां-बाप बेटे की हत्या करवा दी. पुलिस पूरे मामले की गुत्थी सुलझा रही थी की तभी पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगा, उस फुटेज को खंगालने के बाद पता चला की युवक की हत्या के लिए एक कार इस्तेमाल की गई थी। यही कार पुलिस को हत्यारों तक ले गई। हैरान करने वाली बात तब सामने आई जब 25 अक्टूबर को बेटे के शव की शिनाख्त करने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे प्रिंसिपल क्षत्रिय राम सिंह और रानी बाई तो वह उसी कार से आए थे। जिस करण पुलिस का शक और गहरा गया था, और पुलिस हत्यारों तक पहुंच सकी।
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