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Agriculture Law in Parliament
इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली
Agriculture Law in Parliament: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार आज संसद में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक लेकर आ रही है। जानकारी के अनुसार मोदी सरकार पहले निरस्त विधेयक लोकसभा में पेश करेगी उसके बाद राज्यसभा में पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों से मुहर लगने के बाद कृषि कानून निरस्त विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। जहां महामहिम के हस्ताक्षर के बाद किसानों की कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पूरी हो जाएगी
Agriculture Law in Parliament: कृषि कानूनों पर घिरी सरकार ने बेशक कृषि कानून वापस लेने का फैसला लेकर किसानों को चुप करा दिया हो। लेकिन सरकार को संसद में घेरने की तैयारी कर रही विपक्ष मोदी सरकार को कई मुद्दों पर घेरने का मन बना चुका है। बता दें कि केंद्र सरकार संसद में कृषि कानून रद्द करने का विधेयक लेकर आएगी वहीं अन्य 26 ऐसे मसौदे हैं जो सरकार संसद में लेकर आ रही है। ऐसे में विपक्ष और भाजपा सरकार में संसद में बहस होना तय है। जानकारी के मुताबिक भाजपा और विपक्ष ने अपने-अपने सांसदों को संसद में हाजिर रहने की खास हिदायत दी है।
Agriculture Law in Parliament : मोदी सरकार ने बेशक किसान आंदोलन खत्म करने के लिए कृषि कानूनों को वापस लेने का काम शुरू कर दिया हो। लेकिन एमएसपी के मुद्दे पर किसानों के सुर में सुर मिलाते हुए विपक्ष केंद्र सरकार को संसद में घेर सकता है। बता दें आज कृषि कानूनों को निरस्त करने का विधेयक मोदी सरकार संसद में पेश करने जा रही है। वहीं विपक्षी पार्टियां और मोदी सरकार में पेगासस,एमएसपी, लखीमपुर खीरी जैसे कई मुद्दों पर संग्राम होना तय है।
Agriculture Law in Parliament: आज से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलने वाला है। इस दौरान केंद्र सरकार ने सबसे अहम कृषि कानूनों को वापस लेना है। वहीं सरकार 24 दिन तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में 26 विधेयक भी लेकर आ रही जिन्हें पास करवाना सरकार के लिए चुनौती रहेगी। संसद सत्र से एक दिन पहले यानी गत दिवस मोदी सरकार ने विपक्ष को विश्वास में लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बता दें कि इस बैठक में 31 पार्टियों के 42 सांसदों ने हिस्सा लिया था। वहीं ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की पार्टी इस बैठक में शामिल नहीं हुई।
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