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Assam-Meghalaya Border Dispute : दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में किया समझौता, जानें किसको क्या मिला?

Harpreet Singh • LAST UPDATED : March 29, 2022, 5:43 pm IST
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Assam-Meghalaya Border Dispute : दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में किया समझौता, जानें किसको क्या मिला?

Assam-Meghalaya Border Dispute

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Assam-Meghalaya Border Dispute : मंगलवार को दिल्ली में असम और मेघालय की सरकारों ने अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। गृह मंत्रालय के कार्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

छह स्थानों का विवाद हल Assam-Meghalaya Border Dispute

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पहले चरण में छह स्थानों ताराबाड़ी, गिजांग, हाकिम, बोकलापाड़ा, खानपाड़ा-पिलंगकाटा और रतचेरा में सीमा विवाद को हल करने के लिए 29 जनवरी को गुवाहाटी में समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद इसे 31 जनवरी को गृह मंत्रालय को भेजा गया था।

अब मंगलवार को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ-साथ इन राज्यों के अन्य अधिकारियों और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए। Assam-Meghalaya Border Dispute

असम को 18.51 वर्ग किमी तो मेघालय को 18.28 वर्ग किमी भूमि मिली

असम और मेघालय की सरकारें 884 किलोमीटर की सीमा के साथ लगते 12 मतभेद के क्षेत्रों में से छह में अपने सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं। 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा।

क्या बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह? Assam-Meghalaya Border Dispute

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है। 12 में से 6 विवादों को सुलझा लिया गया है। जिसमें लगभग 70 प्रतिशत सीमा शामिल है। शेष छह विवाद भी जल्द सुलझा दिए जाएंगे।

क्या था 50 साल पुराना सीमा विवाद

बता दें कि मेघालय 1972 में असम से अलग होकर एक राज्य बना था और इसने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी थी जिससे 884.9 किलोमीटर लंबी साझा सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 इलाकों को लेकर विवाद पैदा हुआ था।

इस विवाद के कारण कई हिंसक घटनाएं हुई थी। 2010 में इस तरह की एक बड़ी घटना हुई थी। लंगपीह में पुलिस फायरिंग में चार लोग मारे गए थे।  Assam-Meghalaya Border Dispute

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