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India News (इंडिया न्यूज़),Delhi Highcourt: दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटरों पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ऐसे में दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत वैधानिक आवश्यकताओं का पालन नहीं करने वाले कोचिंग सेंटरों को बंद करना होगा।
दरअसल मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर में कोचिंग केंद्रों के संचालन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की थी। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के मामले पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
वहीं कोर्ट में कोचिंग केंद्रों के संघ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि नियम के मुताबिक सभी मानदंडों का अनुपालन किया जा रहा है। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि मानदंडों का पालन हो रहा है या नहीं ये अधिकारी देखेंगे। हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर के निवासियों और कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा पक्षकार बनाने के लिए दायर दो अलग-अलग आवेदनों को भी अनुमति दे दी। कोर्ट का कहना है कि जो लोग पक्षकार बनाए गए हैं वो मामले में जवाब दाखिल करने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने कहा कि कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को सुना जाना जरूरी है।
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कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया फेडरेशन ने कोर्ट के उस आदेश की समीक्षा की भी मांग की है, जिसमें कोर्ट ने केंद्र को सभी कोचिंग सेंटरों को बंद करने का आदेश दिया था। कोर्ट का कहना था कि अग्निशमन सेवा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना चल रहे सभी कोचिंग सेंटरों को बंद कर दिया जाए।
इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार और मुखर्जी नगर थाने के प्रभारी को इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, जिसके लिए कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश कर बताया था कि, दिल्ली में चल रहे 583 कोचिंग सेंटरों में से महज 67 सेंटरों के पास ही दिल्ली अग्निशमन सेवा से अनापत्ति प्रमाण पत्र है।
इस मामले में कोर्ट 23 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा। आपको बता दें कि जून में मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी। जिसमें कई लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई थी। इस घटना पर दिल्लीहाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका पर सुनवाई शुरू की थी।
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