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डा. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़। कांग्रेस को नया प्रदेशाध्यक्ष मिले अभी जुम्मा जुम्मा चार दिन ही हुए हैं। पार्टी हाईकमान को उम्मीद थी कि नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर प्रदेश के पार्टी दिग्गजों के बीच जारी कलह खत्म हो जाएगी लेकिन ऐसा होना तो दूर, ये फिलहाल बढ़ती नजर आ रही है।
पार्टी के दिग्गज व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वफादार रहे व चार बार विधायक रह चुके उदयभान की इस पर ताजपोशी के बाद पार्टी की कलह रूकने की बजाय बढ़ गई है।
इसी कड़ी में अब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी खुलकर एक तरह से उदयभान की पार्टी अध्यक्ष बनाने को लेकर कुछ हद आपत्ति जताई और इस पद के लिए कड़ी मशक्कत करने वाले व इसमें असफल रहने वाले पार्टी विधायक कुलदीप बिश्नोई को इस पद के लिए बेहतरीन च्वाइस बताया।
ऐसे में अब रार बढ़ गई है। इसमें कोई राय नहीं है कि लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के सीनियर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का एक तरफा वर्चस्व है। उनसे नाराज चल पार्टी के दूसरे दिग्गज नेताओं की पार्टी में उतनी पैठ नहीं है और इसके चलते कई बार उनकी हुड्डा के साथ सार्वजनिक मंच पर खटपट नजर आ चुकी है।
इस बात से भी हर कोई इत्तेफाक रखता है कि नए प्रदेशाध्यक्ष उदयभान खुलकर हुड्डा के साथ हैं व उनके प्रति वफादार हैं। ऐसे में अब दूसरे धड़े के सीनियर नेताओं को उदयभान की ताजपोशी रास नहीं आ रही है और इसकी छटपटाहट के चलते उनके बीच की खाई निरंतर बढ़ती जा रही है।
मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि वो लायक व सभ्य नेता और व्यक्ति हैं। उन जैसे नेताओं की पार्टी को जरूरत है। मुझे विश्वास है कि पार्टी उनसे बात करेगी और उनको बेहतरीन संगठनात्मक जगह पार्टी देगी ताकि उनकी सेवाओं का सही इस्तेमाल होगा।
कुमारी सैलेजा बतौर पार्टी अध्यक्ष अच्छा काम कर रही थी लेकिन कई बार हालात पैदा हो जाते हैं। उन्होंने खुद ही आगे आकर इस्तीफा दिया था। मेरी राय में कुलदीप बिश्नोई बेहतरीन अध्यक्ष होते अगर उनको ये जिम्मेदारी दी जाती। लेकिन ये पार्टी को देखना है कि वो किसको जिम्मेदारी देगी। मुझे उम्मीद है कि पार्टी की सेवाओं की सही इस्तेमाल करेगी।
कांग्रेस हाईकमान से नाराज चल रहे कुलदीप बिश्नोई ने खुलकर अपना गुस्सा व निराशा जाहिर की है। वो सोशल मीडिया पर निरंतर सक्रिय हैं। उनको प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने पर वो निरंतर सोशल मीडिया पर अपनी निराशा, हताशा और गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के पहले ही दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने समर्थकों को शांत रहने के लिए कहा और ये कहा कि पहले मामले राहुल गांधी से जवाब ले लूं। इसके बाद उन्होंने फिर शायराना अंदाज में लिखा कि थोड़ा डूबूँगा, मगर मैं फिर तैर आऊँगा, ऐ जिंदगी, तू देख, मैं फिर जीत जाऊंगा।
कांग्रेस पार्टी में वर्तमान में जारी परिदृश्य से एक बात तो साफ है कि पार्टी हाईकमान हुड्डा को पूरी कमान देने के मूड में थी और उपरोक्त फैसला कर ये ये साफ कर दिया है। इसके पीछे मुख्य कारण है प्रदेश में पार्टी में ऐसा बड़ा नेता नहीं है जिनके पास बड़ा जनाधार हो।
पार्टी में हुड्डा के अलावा कई बड़े कद्दावर नेता हैं जिनके पास बड़ा कद तो है लेकिन उनके पास जनाधार नहीं है। ऐसे नेताओं की कमी है जो वोटों को पार्टी की तरफ झुका सकें। सुरजेवाला उपचुनाव व सामान्य विधानसभा चुनाव हारा था। कमोबेश ऐसी ही कमजोर स्थिति सैलेजा और कैप्टन अजय यादव की है।
हुड्डा विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से नेता प्रतिपक्ष तो हैं ही , साथ में पार्टी के ज्यादातर विधायक उनके ही साथ हैं। पार्टी के ज्यादातर सीनियर नेताओं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलेजा, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, जो कि हरियाणा से ही हैं।
कुलदीप बिश्नोई, पूर्व नेता प्रतिपक्ष किरण चौधरी और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर अजय यादव की हुड्डा से तनिक भी नहीं बनती, सामने या सार्वजनिक मंच पर चाहे दिखता कुछ और हो।
सभी मौजूद समीकरणों को देखते हुड्डा का पार्टी में वर्चस्व जारी है जिसके चलते उपरोक्त दिग्गजों को पैर जमाने में या फिर पुरान रूतबा पाने में दिक्कत पेश आ रही है।
कांग्रेस में जारी उठापटक पर सभी पार्टियों की नजर है। माना जा रहा है आम आदमी पार्टी कांग्रेस में जारी आपसी कलह पर बारीकी से नजर गड़ाए है। ये भी चर्चा उठ रही है कि हो सकता है कि कुलदीप बिश्नोई आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं।
फिलहाल वो राहुल गांधी से मीटिंग के लिए समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अगर उनकी सुनवाई नहीं होती है तो पूरी संभावना है कि वो कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं और आप ज्वाइन करना इस रूप में सामने आ सकता है।
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