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गोपेंद्र नाथ भट्ट, नई दिल्ली/डूंगरपुर।
KK Gupta Honored : यूनेस्को ने कहा है कि डूंगरपुर की स्वच्छता, पर्यावरण व जल संचय-जल संरक्षण मॉडल अपर्याय है। यूनेस्को के पदाधिकारियों ने कहा कि डूंगरपुर हिल सिटी को स्वच्छता का आदर्श मोडल बनाने में यूनेस्को द्वारा जयपुर में आयोजित एक समारोह में डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति एवं स्वच्छ भारत मिशन राजस्थान के संयोजक के.के.गुप्ता का योगदान अद्वितीय है।
समारोह में के के गुप्ता का स्वागत एवं सम्मान हुआ। इस अवसर पर नगर निगम जयपुर हेरिटेज के आयुक्त अवधेश मीणा, यूनेस्को दल के सदस्य मिशेल जूई हॉन, प्रोफेसर निंजा यंग एवं मिस्टर पॉल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। KK Gupta Honored
इस मौके पर बताया गया कि यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। यूनेस्को की ओर से यह भी बताया गया कि विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित समिति स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
जुलाई 2021 तक पूरी दुनिया में लगभग 1154 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 897 सांस्कृतिक, 218 प्राकृतिक, 39 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। KK Gupta Honored
समारोह को सम्बोधित करते हुए के.के.गुप्ता ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर डूंगरपुर की तर्ज पर पुरे राजस्थान को स्वच्छ, सुन्दर,हरा-भरा बनाने के लिये अधिकारी, जनप्रतिनिधियों व आमजन के सामूहिक प्रयास के बारे में जानकारी दी। गुप्ता ने कहा कि डूंगरपुर शहर की कई मौजूदा जरूरतों जैसे पर्यटन और व्याख्या, गतिशीलता, स्थानीय सामुदायिक जुड़ाव, अन्य राजस्थानी शहरों के अनुभवों से सीखने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर कार्य किया जा रहा है।
समग्र स्वच्छता के नियमन, संगठन और प्रबंधन के लिए डूंगरपुर शहर द्वारा अपनाए गए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मॉडल महान और सीखने के संसाधन हैं, जिसको लेकर पूर्व सभापति के.के.गुप्ता ने अन्य शहरों को प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रेरित किया। KK Gupta Honored
गुप्ता ने कहा कि कार्य को करना केवल सफलता नहीं है। किसी भी कार्य को करने के लिए उस कार्य के उत्तम होने की गुणवत्ता और हमारी मानसिकता महत्वपूर्ण है। कचरे को प्रबंधन करना बहोत जरूरी है, क्योंकि यह मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। जैसे की औद्योगिक अपशिष्ट भूमि की उपजता को कम कर देता है। इससे मलेरिया, टी.बी, पीलिया और हैजा जैसी कई बीमारियाँ उत्पन्न होती है। इसीलिए हमे कचरा प्रबंधन करना आवश्यक हैं।KK Gupta Honored
इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट में आर्सेनिक, मरकरी, लेड और कैडमियम जैसे कई जहरीले पदार्थ होते है। यह पदार्थ पर्यावरण और मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते है। विश्वभर में पैदा होने वाले कुल ई-कचरे का चार प्रतिशत हिस्सा भारत में उत्पन्न होता है। इसके अलावा प्लास्टिक, कांच, दवाई की शीशियाँ, धातु, चमडा, इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसा ठोस अपशिष्ट भी हमारे लिए नुकसानकारक है।
यह कचरा कई साल बीत जाने के बाद भी नष्ट नहीं होता, जबकि भारत में प्रतिवर्ष 960 मिलियन टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। कचरे को फेंक देने से भूमि प्रदूषण होता है। इसकी वजह से उपज भूमि बंजर बन जाती जाती है, जिससे हमे कृषि में नुकसान होता है। इसके अलावा जब जमा हुआ कचरा सड़ने लगे तब उसमे से दुर्गन्ध निकलती है। इस दुर्गन्ध से ना सिर्फ आस-पास का वातावरण दूषित होता है, बल्कि कई खतरनाक बीमारिया भी फैलती है। इन बीमारियो के रोकने के लिए हमे कचरा प्रबंधन करना आवश्यक है।KK Gupta Honored
जब यह अपशिष्ट नालियों से बह कर जल स्रोतों में मिल जाता है, तब यह जल को प्रदूषित करता है। इससे कई जलीय जीवों की मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा अगर इसी कचरे को जलाया जाए तो यह वायु को प्रदूषित करता है। आमजन को जल की महत्वता को समझाने के लिए छोटे-छोटे तरीकों से बताया जाएगा जल की महत्वता का कार्य तथा वर्षा के बहते हुए पानी को रोकने के तरीकों पर डाला जाएगा।
विशेष पुराने जल छात्रों को सांप एवं तालाबों को गहरा करने का होगा। मुख्य कार्य वर्षा का पानी जो जमीन में डालने हेतु वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर हर घर को होगा। पानी बचाने का संदेश इसे हेतु दिए महत्वपूर्ण सुझाव जिस घर में होगी बोरिंग उसमें अनिवार्य रूफ वाटर हार्वेस्टिंग करवानी होगी अन्यथा बोरिंग कोशिश किया जाएगा। दूसरा पानी के मीटर की अनिवार्यता होगी तीसरा पानी को बर्बाद करने वाले पर कड़ी निगरानी होगी। गुप्ता ने बताया कि स्वच्छता को लेकर डूंगरपुर में हुए तमाम विकास के कार्य आने वाले 50 सालों तक याद रखे जाएंगे।KK Gupta Honored
स्वच्छता से न केवल शहर की सूरत बदली बल्कि शहर के कवन हजार शहर वासियों की स्वच्छता के प्रति सोच बदली है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता का परचम लहरा चुका डूंगरपुर शहर आज समूचे देश के लिए स्वच्छता की मिसाल बन कर खड़ा है। आज सारा शहर एक संदेश के साथ मजबूत स्थिति में खड़ा है कि स्वच्छता है तो हम हैं। देश में बढ़ रहा डेंगू का प्रभाव व अन्य बीमारियों से निजात पाने के लिए स्वच्छता एकमात्र उपाय है। एक मजबूत दृढ़ संकल्प हमें स्वच्छता के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा।
गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक बड़ा कदम हो सकता है हर भारतीय नागरिक का एक छोटा सा कदम। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्य को सिखाना चाहिये। अच्छा स्वास्थ्य किसी के जीवन को बेहतक बना सकता है और वह हमें बेहतर तरीके से सोचने और समझने की ताकत प्रदान करता है और अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है। स्वच्छता कोई काम नहीं है, जो पैसे कमाने के लिये किया जाए बल्कि, ये एक अच्छी आदत है जिसे हमें अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के लिये अपनाना चाहिये।
स्वच्छता पुण्य का काम है जिसे जीवन का स्तर बढ़ाने के लिये, एक बड़ी जिम्मेदारी के रुप में हर व्यक्ति को इसका अनुकरण करना चाहिये। हमें अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता, पालतू जानवरों की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता, अपने आस-पास की स्वच्छता, और कार्यस्थल की स्वच्छता आदि करनी चाहिये। KK Gupta Honored
हमें पेड़ों को नहीं काटना चाहिये और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिये पेड़ लगाना चाहिये। ये कोई कठिन कार्य नहीं है, लेकिन हमें इसे शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिये। ये हमें मानसिक, शारीरिक, समाजिक और बौद्धिक रुप से स्वस्थ रखता है। सभी के साथ मिलकर उठाया गया कदम एक बड़े कदम के रुप में परिवर्तित हो सकता है। KK Gupta Honored
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