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India News (इंडिया न्यूज़), आशीष सिन्हा, नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें मांग की गई हैं की दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और एनसीटी दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया जाए कि वे राजधानी में यमुना बाढ़ के बाद शिविरों में भोजन तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री, बाढ़ के बाद होने वाली स्थानीय बीमारियों / जल-जनित बीमारियों को रोकने के लिए मुफ्त राशन, चिकित्सा सहायता, स्वच्छता प्रावधान और आवश्यक दवाएं प्रदान करे।
याचिका के मुताबिक, लगभग 25,000 लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और उनके पशु उचित स्वच्छता सुविधाओं और भोजन के बिना राहत शिविरों में विषम परिस्थितियों में रह रहे हैं। डॉ. आकाश भट्टाचार्य ने वकील केआर शियास के माध्यम से यह याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले 7 दिनों में यमुना नदी के तल पर आई बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों के जीवन और निजी संपत्ति की रक्षा करने के कर्तव्य का पालन करने में सरकार विफल रही है। याचिका में सरकार को दिल्ली भर के सभी राहत शिविरों में आवश्यक और गुणवत्तापूर्ण भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने और दिल्ली के प्रत्येक बाढ़ राहत शिविर में एक सामुदायिक रसोई शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में उत्तरदाताओं को राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों के लिए साबुन, सैनिटाइजर आदि सहित स्वच्छता संबंधी सामान उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
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