India News (इंडिया न्यूज),Pravesh Verma: दिल्ली सरकार पानी कनेक्शन की दरों को कम करने की तैयारी कर रही है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। सरकार का मानना है कि मौजूदा जल कनेक्शन शुल्क बहुत अधिक है, जिसके चलते लोग अवैध कनेक्शन लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे दिल्ली जल बोर्ड को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है और गैर-राजस्व जल (एनआरडब्ल्यू) का प्रतिशत 50 तक पहुंच गया है। सरकार का प्रयास है कि जल दरों को तर्कसंगत बनाया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग वैध कनेक्शन लें और पानी चोरी की समस्या कम हो।
दिल्ली में जल कनेक्शन शुल्क अलग-अलग श्रेणी की कॉलोनियों में भिन्न है। ए, बी, सी श्रेणी की कॉलोनियों में पानी कनेक्शन के लिए चार हजार रुपये शुल्क लिया जाता है, जबकि 200 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर शुल्क 243 रुपये प्रति वर्ग फुट निर्धारित है। डी और ई श्रेणी की कॉलोनियों में यह शुल्क क्रमशः दो हजार रुपये और 182.33 व 121 रुपये प्रति वर्ग फुट है। ग्रामीण इलाकों और एफ, जी, एच श्रेणी की कॉलोनियों में यह शुल्क अधिक होने के कारण लोग जल बोर्ड के अधिकारियों को रिश्वत देकर अवैध कनेक्शन लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस कारण गैर-राजस्व जल का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
Pravesh Verma: अब करेंगे मनमानी तो लगेगा जुर्माना, प्रवेश वर्मा ने किया ये बड़ा ऐलान
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि सरकार जल कनेक्शन को कानूनी रूप से सुलभ बनाने के लिए दरों की समीक्षा करेगी। इस प्रक्रिया के बाद अवैध जल कनेक्शन लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक निश्चित समय सीमा तक लोगों को वैध कनेक्शन लेने का मौका दिया जाएगा, उसके बाद अवैध कनेक्शन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने टैंकर सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने का फैसला लिया है। इस समय टैंकरों के फेरे नौ बार होते हैं, जिन्हें बढ़ाकर 16 किया जाएगा। साथ ही, पानी चोरी रोकने के लिए सभी टैंकरों में जीपीएस लगाना अनिवार्य किया जाएगा। जल मंत्री ने निर्देश दिया कि टैंकरों की आवाजाही और जल आपूर्ति की पूरी निगरानी की जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे। सरकार जल आपूर्ति व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए भूमिगत जलाशयों की निगरानी भी बढ़ाने जा रही है। गर्मी में जल संकट को रोकने के लिए पाइपलाइन लीकेज को दुरुस्त करने और सीवर जाम की समस्या के समाधान पर भी जोर दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि जल प्रबंधन प्रणाली में सुधार करके न केवल राजस्व हानि को कम किया जा सकता है, बल्कि शहरवासियों को बेहतर जल आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा सकती है।