रामलीला मंचन को भी नहीं मिली मंजूरी
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आई हो, लेकिन संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर आम आदमी पार्टी सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत न तो दिल्ली में फिलहाल छठी से आठवीं तक स्कूल खुलेंगे और न रामलीला का मंचन ही हो सकेगा। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से फिलहाल दोनों ही तरह की गतिविधियों को मंजूरी नहीं मिली है।
यही वजह है कि दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लेते हुए कहा कि सोमवार को एलान किया है कि राजधानी में फिलहाल छठीं से आठवीं तक के स्कूल नहीं खुलेंगे। डीडीएमए ने इस बाबत आदेश जारी किया है। इसके साथ ही रामलीला मंचन को भी मंजूरी नहीं मिली है। हां, सिर्फ प्रदर्शनी को छूट देने का एलान किया गया है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नए आदेश में मंजूरी मिलने के बाद प्रदर्शनी व कार्यक्रमों के आयोजनों में ढील मिली है, फिलहाल कोरोना के दिशा-निर्देशों के तहत इसपर प्रतिबंध लगा था। बताया जा रहा है कि डीडीएमए द्वारा ढील देने पर तकरीबन 40,000 लोगों को रोजगार हासिल होगा। ये लोग लंबे समय अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। अब जाकर इनकी मुराद पूरी हुई है।
उधर, धार्मिक स्थलों पर लोगों को जाने देने की अनुमति की मांग वाली याचिका को प्रतिवदेन के तौर पर लेकर निर्णय लेने का दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का सख्ती सु अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाए। गैर सरकारी संगठन डिस्ट्रेस मैनेजमेंट कलेक्टिव की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राबिन राजू ने कहा कि कोरोना महामारी के मामलों में आई गिरावट को देखते हुए माल, जिम और स्पा सहित कई स्थानों को खोलने की अनुमति दी है जबकि धार्मिक स्थलों को भी खोला गया, लेकिन वहां लोगों को जाने की सार्वजनिक अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आनलाइन पूजा सेवा कभी भी एक भौतिक पूजा के समान अनुभव नहीं दे सकती है।
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