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India News (इंडिया न्यूज), Tahir Hussain Bail Plea: दिल्ली दंगों के आरोपी और एआईएमआईएम उम्मीदवार ताहिर हुसैन के मामले की सुनवाई के लिए सीजेआई संजीव खन्ना ने विशेष पीठ का गठन किया। दो जजों की बेंच के विभाजित फैसले के बाद जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की तीन जजों की बेंच 28 जनवरी को दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
दिल्ली दंगों में कथित संलिप्तता के आरोप में जेल में बंद आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
दरअसल, ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच एकमत नहीं थी। दो जजों की बेंच में से एक जस्टिस पंकज मित्तल ने ताहिर हुसैन की याचिका खारिज कर दी थी। जबकि दूसरे जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने याचिका स्वीकार कर ली थी। आपको बता दें कि ताहिर हुसैन दिल्ली चुनाव में AIMIM के उम्मीदवार हैं और उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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अब चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन किया है। इसमें तीन जजों जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की बेंच 28 जनवरी को सुनवाई करेगी। आपको बता दें कि इससे पहले जमानत पर सुनवाई करते हुए एक जज जस्टिस पंकज मित्तल ने अपने आदेश में कहा था कि दंगों में ताहिर हुसैन की अहम भूमिका थी। दंगों के दौरान उसने कमांड सेंटर का काम किया, उसके घर से हथियार बरामद हुए।
वहीं, दूसरे जज जस्टिस अमानुल्लाह ने अपने आदेश में कहा कि ताहिर पिछले पांच साल से जेल में है और समाज से कटा हुआ है। ऐसे में उसे प्रचार करने की इजाजत दी जाए। जस्टिस अमानुल्लाह ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने नामांकन के लिए याचिकाकर्ता को कस्टडी पैरोल दी थी। ताहिर हुसैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि आरोपी चुनाव प्रचार के दौरान गवाहों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी आरोपी है और उसे उस मामले में जमानत नहीं मिल सकती।
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