India News (इंडिया न्यूज), Aarti Ke Niyam: शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप पूजा के आखिर में आरती किए बिना ही उठ जाते हैं तो इससे पूजा अधूरी रह जाती है। आरती न सिर्फ एक परंपरा है, बल्कि इससे भक्त और भगवान के बीच आध्यात्मिक संबंध मजबूत होता है। लेकिन आरती करने के भी कुछ खास नियम शास्त्रों में बताये गए हैं। जिनका पता बहुत कम को है। यदि आप आरती के नियमों का पालन करते हैं तो इससे आपकी पूजा पूर्ण होती है। आइये आपको बताते हैं कि आरती करने के क्या नियम होते हैं?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मुख्य रूप से सात प्रकार की आरती होती है, जो अलग-अलग अवसरों पर की जाती है।
Aarti Ke Niyam
आरती को सही तरीके से करने के लिए कुछ खास नियमों का पालन श्रद्धा और भक्ति के साथ करना जरूरी है।
कुल मिलाकर 14 बार आरती घुमाने से भक्त की प्रार्थना चौदह लोकों तक पहुंचती है, जिससे उसकी आध्यात्मिक ऊर्जा पूरे ब्रह्मांड में फैलती है।
स्कंद पुराण के अनुसार आरती करने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं—
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आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। सही तरीके से आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसलिए अगर आप भी अपनी पूजा को संपूर्णता देना चाहते हैं तो आरती के इन नियमों का पालन जरूर करें।
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