Hindi News / Dharam / After Death Even By Mistake You Should Not Burn Incense Sticks In These 2 Days

मृत्यु के बाद भूलकर भी इन 2 दिनों में नहीं जलानी चाहिए अगरबत्ती, आत्मा को ऐसे देती है पीड़ा कि आपकी भी कांप उठेगी रूह?

Garun Puran: मृत्यु के बाद अगरबत्ती न जलाने की परंपरा केवल एक धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि आत्मा और परिवार के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह एक तरीके से मृतक के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक साधन है।

BY: Prachi Jain • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), Garun Puran: भारतीय संस्कृति में मृत्यु के बाद कुछ विशेष रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण पहलू है अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाने की परंपरा। विशेष रूप से, यह कहा जाता है कि मृत्यु के बाद पहले दो दिनों में अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। आइए, इसके पीछे के कारणों को समझते हैं:

1. आत्मा की शांति

माना जाता है कि मृतक की आत्मा अपने शरीर को छोड़कर यात्रा पर निकलती है। यदि इन दिनों अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाई जाती है, तो इसकी सुगंध आत्मा को परेशानी में डाल सकती है। यह आत्मा के लिए एक अकारण विकर्षण उत्पन्न करती है, जिससे उसे शांति प्राप्त नहीं हो पाती।

साल 2025 में होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, छोटी सी गलती बन सकती है अपशकुन, जानें शुभ मुहूर्त बचाव के उपाय!

Garun Puran: मृत्यु के बाद अगरबत्ती न जलाने की परंपरा केवल एक धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि आत्मा और परिवार के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह एक तरीके से मृतक के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक साधन है।

सफ़ेद कपड़े से ही क्यों ढका जाता है डेड बॉडी का शरीर…रूह कपा दे ऐसा है इसका सच?

2. परिवार की संवेदनाएं

मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों को मानसिक और भावनात्मक रूप से शांति की आवश्यकता होती है। अगरबत्ती जलाने से होने वाली सुगंध और वातावरण को बदलना, परिवार के सदस्यों के लिए ध्यान भंग कर सकता है, जिससे वे अपने प्रियजन की यादों में डूब नहीं पाते।

3. पारंपरिक मान्यताएं

भारतीय संस्कृति में, कुछ परंपराएं मृत्यु के बाद के दिनों में सख्ती से निभाई जाती हैं। ये मान्यताएं आत्मा की शांति और परिवार के सदस्यों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

बांस की अगरबत्ती जलाने से मिलता है बुरा परिणाम? जाने आम के पेड़ से बनी अगरबत्ती पहचानने का सही तरीका?

मृत्यु के बाद अगरबत्ती न जलाने की परंपरा केवल एक धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि आत्मा और परिवार के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह एक तरीके से मृतक के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक साधन है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और परिवार को संजीवनी। इसलिए, इस परंपरा का पालन करना महत्वपूर्ण होता है।

मृत्यु के समय में उलट जाती हैं आंखें, मिल सकती है पापों की ऐसी सजा जिसका अंदाजा लगाना भी है मुश्किल, सच्चाई जान कांप जाएगी रुह!

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Tags:

deathDevotionalDharamKaramdharmDharmikDharmkiBaatDharmNewsGarun PuranIndia newsindianewslatest india newsMautMrityuPaathKathayespritualSpritualitytoday india newsइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue