संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
इंडिया न्यूज:
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया इस बार 3 मई 2022 मंगलवार को (Akshaya Tritiya On 3 May 2022) है। ये पर्व शोभन, मातंग और लक्ष्मी योग में मनाया जाएगा। इसी दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। ग्रंथों अनुसार इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। इस दिन किया गया जप, तप, ज्ञान, स्नान, दान, होम आदि अक्षय रहते हैं। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। कहते हैं इसी दिन भगवान विष्णु ने नर और नारायण के रूप में अवतरित हुए थे।
इस शुभ पर्व पर तीर्थ में स्नान करने की परंपरा है। माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर किया गया तीर्थ स्नान जाने-अनजाने में हुए हर पाप को खत्म कर देता है। इससे हर तरह के दोष खत्म होते हैं। इसे दिव्य स्नान कहा गया है। तीर्थ स्नान न कर सकें तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहा सकते हैं। ऐसा करने से भी तीर्थ स्नान का पुण्य मिलता है। इसके बाद अन्न और जलदान का संकल्प लेकर जरुरतमंद को दान दें। ऐसा करने से कई यज्ञ और कठिन तपस्या करने जितना पुण्य फल प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया पर चावल, दाल, घी, चीनी, फल, घड़ी, कलश, पंखा, छाता, वस्त्र, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा और दक्षिणा आदि दान करने से अक्षय पुण्य फल मिलता है। अबूझ मुहूर्त होने के कारण नया घर बनाने की शुरूआत, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा जैसे शुभ कामों के लिए भी ये दिन खास माना जाता है।
दरअसल, इसी दिन बद्रीनाथ धाम के पट खुलते हैं। अक्षय तृतीया पर तिल सहित कुश के जल से पितरों को जलदान करने से उनकी अनंत काल तक तृप्ति होती है। इस तिथि से ही गौरी व्रत की शुरूआत होती है। जिसे करने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि मिलती है।
इस दिन सुखों के प्रदाता शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में रहकर मालव्य राजयोग का निर्माण करेंगे। वहीं, गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग और शनि के अपने घर कुंभ में होने से शश राजयोग बनेगा। अक्षय तृतीया पर ग्रहों की ऐसी स्थिति बहुत शुभ मानी जा रही है। ऐसे अबूझ मुहूर्त में आप किसी भी समय मांगलिक कार्य कर सकते हैं। सोना, चांदी, घर, जमीन, दुकान, वाहन या प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक।
सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 39 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
यह भी पढ़ें : शनिचरी अमावस्या व सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल पर सुख शांति के लिए करें ये उपाय
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.