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8 अप्रैल 1929 को शहीद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली असेंबली में बम फेंक कर गिरफ्तारी दी थी। जिसके बाद दोनों को अंग्रेजी हकूमत ने जेल में डाल दिया था। अंग्रेजी सरकार ने भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त पर मुकदमा चलाया। जिसके बाद साजिशों के तहत 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी देकर शहीद कर दिया।
आज भी देश के नौजवान इन शहीदों के बताए रास्तों पर चलकर देश के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाते हैं। जेल में रहते हुए भगत सिंह जी ने अपने पिता को कई पत्र लिखे। जिनमें से कुछ को इस लेख के माध्यम से आपके सामने पेश कर रहे हैं।
26 अप्रैल, 1929
आदरणीय पिताजी
वंदे मातरम !
हमें पुलिस हिरासत से 22 अप्रैल को दिल्ली जेल भेज दिया गया है। 7 मई से जेल में सुनवाई शुरू होने वाली है। करीब एक महीने में सारा ड्रामा खत्म हो जाएगा। ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुझे पता चला कि आप यहां आए थे और एक वकील वगैरह से बात की थी। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो सकी।मुझे अगले दिन कपड़े मिले। मुलाकात अब आपके आने वाले दिन ही संभव होगी। वकील आदि की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है। हां एक-दो विषयों पर वकील से सलाह-मशव्वरा करना था, लेकिन छोड़िये वो कोई जरूरी नहीं। आप ज्यादा तकलीफ न उठाएं। अगर मुझे मिलने आना हो तो अकेले ही आएं। माता जी को साथ मत लाएं।
बेबे जी मुझे मिलकर रोने लग जाएंगे और मुझे भी उन्हें दुखी देखकर परेशानी होगी। घर का सारा हाल आपसे मिलने के बाद ही पता चलेगा। हां, अगर हो सके तो गीता रहस्य, नैपोलियन की जीवन गाथा पुस्तक लेते आएं। यह किताबें आपकों मेरी पुस्तकों के संग्रह में मिल जाएंगी। अंग्रेजी के कुछ नॉवल लेते आइएगा।
वो शायद आपको द्वारका दास पुस्तकालय से मिल जाएंगे। बेबे जी, मामी जी, माता जी (दादी) और चाची जी को हाथ जोड़कर प्रणाम। कुलबीर, कुलतार सिंह को प्यार। बड़े बापू के चरणों में नमस्ते।
इस समय जेल में में पुलिस हमारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार कर रही है। आप किसी प्रकार के बारे में चिंता न करें। मुझे आपका पता नहीं मालूम इसलिए मैं इस पते पर लिख रहा हूं।
सादर प्रणाम
भगत सिंह
“श्रम ही समाज का वास्तविक निर्वाहक है”
“लोग चीजों के स्थापित क्रम के आदी हो जाते हैं और परिवर्तन के विचार से कांपते हैं। यह सुस्ती की भावना है जिसे क्रांतिकारी भावना द्वारा प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता है”
“वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे”
“क्रांति मानव जाति का एक अविभाज्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक अविनाशी जन्म अधिकार है”
“मैं ऐसा पागल हूँ कि जेल में भी आज़ाद हूँ”
“मैं महत्वाकांक्षा और आशा और जीवन के आकर्षण से भरा हूं। लेकिन जरूरत के समय मैं सब कुछ त्याग सकता हूं’
“बधिरों को सुनना है तो आवाज बहुत तेज होनी चाहिए”
“निर्दयी आलोचना और स्वतंत्र सोच क्रांतिकारी सोच के दो लक्षण हैं। प्रेमी, पागल और कवि एक ही सामान से बने हैं”
“किसी को भी ‘क्रांति’ शब्द की उसके शाब्दिक अर्थ में व्याख्या नहीं करनी चाहिए। इसका उपयोग या दुरुपयोग करने वालों के हितों के अनुसार इस शब्द के विभिन्न अर्थ और महत्व को जिम्मेदार ठहराया जाता है। शोषण की स्थापित एजेंसियों के लिए यह खून की भावना को जोड़ता है सना हुआ आतंक। क्रांतिकारियों के लिए, यह एक पवित्र वाक्यांश है”
“बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं होती। क्रांति की तलवार विचारों के पत्थर पर तेज होती है”
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“Labour is the real sustainer of society”
“People get accustomed to the established order of things and tremble at the idea of change. It is this lethargic spirit that needs be replaced by the revolutionary spirit”
“They may kill me, but they cannot kill my ideas. They can crush my body, but they will not be able to crush my spirit”
“Revolution is an inalienable right of mankind. Freedom is an imperishable birth right of all”
“I am such a lunatic that I am free even in jail”
“I am full of ambition and hope and charm of life. But I can renounce everything at the time of need’
“But man’s duty is to try and endeavour, success depends upon chance and environments.”
“I am a man and all that affects mankind concerns me.”
“Philosophy is the outcome of human weakness or limitation of knowledge.”
“They may kill me, but they cannot kill my ideas. They can crush my body, but they will not be able to crush my spirit.”
“Revolution is an inalienable right of mankind. Freedom is an imperishable birthright of all.”
“If the deaf is to hear, the sound has to be very loud.”
“Lovers, Lunatics, and poets are made of same stuff.”
“A rebellion is not a revolution. It may ultimately lead to that end.”
“Any man who stands for progress has to criticise, disbelieve and challenge every item of the old faith.”
“Rebellion against king is always a sin according to every religion.”
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“എന്നാൽ മനുഷ്യന്റെ കടമ പരിശ്രമിക്കുകയും പരിശ്രമിക്കുകയും ചെയ്യുക എന്നതാണ്, വിജയം അവസരത്തെയും ചുറ്റുപാടുകളെയും ആശ്രയിച്ചിരിക്കുന്നു.”
“ഞാൻ ഒരു മനുഷ്യനാണ്, മനുഷ്യരാശിയെ ബാധിക്കുന്നതെല്ലാം എന്നെ ബാധിക്കുന്നു.”
“മനുഷ്യന്റെ ബലഹീനതയുടെ അല്ലെങ്കിൽ അറിവിന്റെ പരിമിതിയുടെ ഫലമാണ് തത്ത്വചിന്ത.”
“അവർക്ക് എന്നെ കൊന്നേക്കാം, പക്ഷേ അവർക്ക് എന്റെ ആശയങ്ങളെ കൊല്ലാൻ കഴിയില്ല, അവർക്ക് എന്റെ ശരീരത്തെ തകർക്കാൻ കഴിയും, പക്ഷേ അവർക്ക് എന്റെ ആത്മാവിനെ തകർക്കാൻ കഴിയില്ല.”
“വിപ്ലവം മനുഷ്യരാശിയുടെ അനിഷേധ്യമായ അവകാശമാണ്. സ്വാതന്ത്ര്യം എല്ലാവരുടെയും നശ്വരമായ ജന്മാവകാശമാണ്.”
“ബധിരർ കേൾക്കണമെങ്കിൽ, ശബ്ദം വളരെ ഉച്ചത്തിലായിരിക്കണം.”
“കാമുകന്മാരും ഭ്രാന്തന്മാരും കവികളും ഒരേ വസ്തുക്കളിൽ നിന്നാണ് നിർമ്മിച്ചിരിക്കുന്നത്.”
“ഒരു കലാപം ഒരു വിപ്ലവമല്ല. അത് ആത്യന്തികമായി ആ അവസാനത്തിലേക്ക് നയിച്ചേക്കാം.”
“പുരോഗതിക്ക് വേണ്ടി നിലകൊള്ളുന്ന ഏതൊരു മനുഷ്യനും പഴയ വിശ്വാസത്തിലെ എല്ലാ ഇനങ്ങളെയും വിമർശിക്കുകയും അവിശ്വസിക്കുകയും വെല്ലുവിളിക്കുകയും വേണം.”
“എല്ലാ മതങ്ങളും അനുസരിച്ച് രാജാവിനെതിരായ കലാപം എപ്പോഴും പാപമാണ്.”
“Philosophy is the outcome of human weakness or limitation of knowledge.” ― Bhagat Singh
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“Revolution is an inalienable right of mankind. Freedom is an imperishable birthright of all.” ― Bhagat Singh
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“Merciless criticism and independent thinking are the two necessary traits of revolutionary thinking.” ― Bhagat Singh
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“A rebellion is not a revolution. It may ultimately lead to that end.” ― Bhagat Singh
shaheed diwas, bhagat singh, bhagat singh quotes, shaheed bhagat singh, shaheed bhagat singh quotes, bhagat singh images, bhagat singh status, shaheed diwas status, shaheed diwas status in hindi, martyrs day, martyrs day quotes Some of his pseudonyms were Balwant, Ranjit and Vidhrohi.
“The aim of life is no more to control the mind, but to develop it harmoniously; not to achieve salvation hereafter, but to make the best use of it here below.” ― Bhagat Singh
“انقلاب بنی نوع انسان کا ناقابل
تقسیم حق ہے۔ آزادی سب کا ناقابلِ تقسیم پیدائشی حق ہے”
“میں اتنا پاگل ہوں کہ جیل میں بھی آزاد ہوں”
“میں خواہش اور امید اور زندگی کی رغبت سے بھرا ہوا ہوں، لیکن ضرورت کے وقت میں سب کچھ چھوڑ سکتا ہوں”
“آواز اتنی بلند ہونی چاہیے کہ بہرے سن سکیں”
“محنت ہی معاشرے کی اصل
محافظ ہے”
“لوگ چیزوں کے قائم کردہ ترتیب کے عادی ہو جاتے ہیں اور تبدیلی کے بارے میں سوچ کر کانپ جاتے ہیں۔ یہ سستی کا احساس ہے جسے انقلابی جذبے سے بدلنے کی ضرورت ہے۔”
“وہ مجھے مار سکتے ہیں، لیکن وہ میرے خیالات کو نہیں مار سکتے، وہ میرے جسم کو کچل سکتے ہیں، لیکن وہ میری روح کو کچل نہیں سکتے۔”
“श्रम हाच समाजाचा खरा पालनकर्ता आहे”
“लोकांना गोष्टींच्या प्रस्थापित व्यवस्थेची सवय होते आणि बदलाच्या विचाराने थरथर कापतात. ही आळशीपणाची भावना क्रांतिकारक आत्म्याने बदलली पाहिजे.”
“ते मला मारू शकतात, पण ते माझे विचार मारू शकत नाहीत. ते माझ्या शरीराला चिरडून टाकू शकतात, पण ते माझ्या आत्म्याला चिरडून टाकू शकत नाहीत”
“क्रांती हा मानवजातीचा अविभाज्य हक्क आहे. स्वातंत्र्य हा सर्वांचा अविनाशी जन्मसिद्ध हक्क आहे”
“मी इतका वेडा आहे की तुरुंगातही मी मुक्त आहे”
“मी महत्वाकांक्षा, आशा आणि जीवनाचे आकर्षण यांनी परिपूर्ण आहे. पण गरजेच्या वेळी मी सर्वकाही त्याग करू शकतो.”
“आवाज कर्णबधिरांना ऐकू येईल इतका मोठा असावा”
“क्रूर टीका आणि मुक्त विचार ही क्रांतिकारी विचारसरणीची दोन वैशिष्ट्ये आहेत. प्रेमी, वेडे आणि कवी हे एकाच गोष्टीपासून बनलेले आहेत”
Our martyrs will always be our inspiration.
Martyrs are the pride of our country.
Let us follow our martyrs.
Let us give our martyrs the India they had imagined.
Our martyrs will continue to inspire generations.
India is proud to have such martyrs.
Martyrs inspire us to be patriotic.
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