India News (इंडिया न्यूज),Lord Shiva: देवों के देव महादेव को भोलेनाथ, भगवान शिव एंव कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। पुराणों और हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव को सबसे सर्वश्रेष्ट देवता माना जाता है। भोलेनाथ अपने कई कथाओं और विशषताओं के लिए जाने जाते हैं जिनमें से एक है उनकी तीसरी आंख जो उनके माथे पर सुशोभित है। वैसे तो उनकी ये आंख की रहस्यों का विषय रही है। वहीं कुछ लोग इसे श्रिष्टी के अंत का प्रतिक भी मानते हैं और कुछ उनकी इस आंख को ज्ञान का प्रतीक भी मानते हैं। आइए आज हम इसके पीछे छुपे रहस्य के बारे में जानते हैं।
पुराणों में लिखी कहानियों के मुताबीक जब भी भगवान शिव की तीसरी आंख खुलि है तो विनाश का कारण बनी है। एक कथा के अनुसार जब भोलेनाथ की तीसरी आंख खुली थी तो उन्होने कामदेव को भस्म कर दिया था और ऐसे हीं कई राक्षसों का अंत भी इसी आंख से किया था। इस कारण से उनकी तीसरी आंख को विनाश का कारण माना जाता है।
Lord Shiva: जिंदगी में परेशानियों का लगा है अंबार
आपको बता दें की तीसरी आंख केवल का विनाश का प्रतीक नही है, यह एक अधुरा सच है। भगवान शिव की तिसरी आंख ज्ञान का भी प्रतिक माना जाता है। साथ हीं ये आंख हमें भौतिक दुनिया से परे देखने की क्षमता देता है। यह हमें अपने भीतर देखने और सत्य को जानने में मदद करता है।
अगर वास्तव में देखें तो महादेव की ये आंख विनाश और ज्ञान दोनो का प्रतीक हैं,यह विनाश का प्रतीक है क्योंकि यह हमारे अंदर के अहंकार, क्रोध और अज्ञान को नष्ट करता है। यह ज्ञान का प्रतीक है क्योंकि यह हमें सत्य, प्रेम और शांति का मार्ग दिखाता है।
भगवान शिव की तीसरी आँख हमें सिखाती है कि हमें अपने भीतर के नकारात्मक विचारों और भावनाओं को नष्ट करना चाहिए। हमें अपने भीतर ज्ञान का प्रकाश जलाना चाहिए ताकि हम सत्य को जान सकें और बेहतर जीवन जी सकें। भगवान शिव की तीसरी आँख एक रहस्य है जिसे पूरी तरह से समझना मुश्किल है। हालाँकि, यह हमें यह ज़रूर सिखाती है कि हमें अपने भीतर के अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाना चाहिए। यह आँख हमें विनाश से सृजन की ओर जाने का मार्ग दिखाती है।