India News (इंडिया न्यूज),Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म में हर माह की पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा पर जहां चारों तरफ चांद की रोशनी सकारात्मकता को दर्शाती है, वहीं अमावस्या की अंधेरी रात नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। वैसे तो हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि अपने आप में खास होती है। लेकिन आपको बता दें कि चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या बेहद खास होने के साथ-साथ बेहद खतरनाक भी मानी जाती है। दरअसल चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में इस अमावस्या को बेहद खास माना जाता है।
मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या को खासतौर पर नकारात्मक शक्तियों से बचाने और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ और कुछ खास उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार भूतड़ी अमावस्या का महत्व, उपाय और कब पड़ रही है ये अमावस्या।
Chaitra Navratri 2025: 28 मार्च की काली रात में प्रबल होंगी रहस्यमयी शक्तियां
इस साल भूतड़ी अमावस्या 28 मार्च को शाम 7:55 बजे से 29 मार्च को शाम 4:27 बजे तक रहेगी। वैदिक कैलेंडर में उदया तिथि मान्य होने के कारण यह अमावस्या 29 मार्च को ही मान्य होगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भूतड़ी अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं। इस दौरान अंधेरी रात में काली शक्तियां अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी शरीर की तलाश करती हैं और इंसान की आत्मा को अपने वश में करने की कोशिश करती हैं। इसी वजह से चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
चैत्र अमावस्या पर देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से विशेष रूप से शुभ फल की प्राप्ति होती है। खास तौर पर इससे भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक ऊर्जाएं खत्म होती हैं।
अमावस्या तिथि को पितृ पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और काम में आ रही सभी बाधाएं भी दूर होती हैं।
भूतड़ी अमावस्या पर नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। नदी के पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती हैं। इस दिन आप शिवलिंग का अभिषेक करके ओम नमः शिवाय का जाप भी कर सकते हैं।
चैत्र अमावस्या पर नवग्रह पूजा करना बहुत लाभकारी होता है। आप अपनी आस्था के अनुसार किसी जानकार पंडित को घर बुलाकर भी नवग्रह पूजा करवा सकते हैं।