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रोज सुबह सूरज निकलते ही सबसे पहले बोले ये 2 लाइन का मंत्र…नहीं पड़ेगी पूजा की भी जरुरत, यूं बनते नजर आएंगे हर एक काम!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 25, 2025, 5:30 pm IST
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रोज सुबह सूरज निकलते ही सबसे पहले बोले ये 2 लाइन का मंत्र…नहीं पड़ेगी पूजा की भी जरुरत, यूं बनते नजर आएंगे हर एक काम!

Astro Tips For Morning: रोज सुबह सूरज निकलते ही सबसे पहले बोले ये 2 लाइन का मंत्र यूं बनते नजर आएंगे हर एक काम

India News (इंडिया न्यूज), Astro Tips For Morning: कहा जाता है कि अगर दिन की शुरुआत अच्छी हो, तो पूरा दिन शुभ और ऊर्जा से भरपूर होता है। व्यक्ति के कर्म ही उनके जीवन का निर्धारण करते हैं, लेकिन शास्त्रों में दिन की शुरुआत को विशेष महत्व दिया गया है। सही विधि और मंत्र के साथ दिन की शुरुआत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

सुबह की शुरुआत कैसे करें?

शास्त्रों के अनुसार, सुबह उठते ही देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना और फिर अन्य कार्यों की ओर बढ़ना चाहिए। लेकिन इनमें से सबसे महत्वपूर्ण एक नियम है जिसे हर व्यक्ति को सुबह उठते ही अपनाना चाहिए।

सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों के दर्शन करें और एक विशेष मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से न केवल पूरा दिन शुभ होता है, बल्कि धन, ज्ञान और शक्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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कर दर्शन मंत्र का महत्व

यह मंत्र ‘आचार प्रदीप’ नामक ग्रंथ में लिखा गया है और इसका उल्लेख कई धार्मिक शास्त्रों में भी मिलता है। यह मंत्र इस प्रकार है:

कराग्रे वसति लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।

मंत्र का अर्थ

इस मंत्र का गहन अर्थ है:

  • हथेलियों के अग्रभाग (ऊपरी हिस्से) में मां लक्ष्मी का निवास होता है।
  • हथेलियों के मध्य भाग में ज्ञान की देवी सरस्वती का स्थान है।
  • हथेलियों के मूल भाग (नीचे के हिस्से) में भगवान विष्णु निवास करते हैं।

सुबह-सुबह अपनी हथेलियों के दर्शन और इस मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

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मंत्र जाप की विधि

  1. सुबह उठते ही बिस्तर में बैठे-बैठे अपनी दोनों हथेलियों को खुली किताब की तरह जोड़ें।
  2. हथेलियों को ध्यानपूर्वक देखें और ऊपर दिए गए मंत्र का उच्चारण करें।
  3. मंत्र जाप के बाद हथेलियों को अपने चेहरे पर फेर लें। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

धरती को प्रणाम करने की विधि

मंत्र जाप के बाद जब आप बिस्तर से उतरें, तो अपने पैरों को जमीन पर रखने से पहले धरती माता को प्रणाम करें। ऐसा मान्यता है कि धरती माता हमारे वजन को सहती हैं, इसलिए उनका सम्मान करना आवश्यक है। आप यह श्लोक बोल सकते हैं:

समुद्रा वसुधे देवी पादुकामाले। पायाहि पादे पाद्या ग्रह्णाह् पर्यच्टिताह्।।

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सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव

  • सुबह हथेलियों के दर्शन और मंत्र जाप करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • यह विधि आपके मन और आत्मा को दिनभर प्रेरित और ऊर्जावान बनाए रखती है।
  • धरती माता को प्रणाम करने से विनम्रता और प्रकृति के प्रति आदर भाव विकसित होता है।

शास्त्रों में बताए गए इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इसलिए, सुबह की शुरुआत शास्त्रों में बताए गए इन सरल नियमों के साथ करें और जीवन को और अधिक सकारात्मक और सफल बनाएं।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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