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India News(इंडिया न्यूज़) धर्म डेस्क, Rosary Chanting: ईश्वर (God) से प्रार्थना करने से मन में शांति की धारा का प्रवहा होता है। अपने विचलित मन को एकाग्र करते हुए प्रार्थना की जाती है। प्रार्थना करने के कई तरीके होते है। चाहें आप किसी धार्मिक स्थल में जा कर ईश्वर की प्रार्थना करें या किसी भी एकांत स्थान पर, अगर मन को शांत रखते हुए हुए एकाग्र होकर प्रार्थना की जाए तो आप ध्यान को प्राप्त हो जाते है। ध्यान में जाने के कई तरीके होते हैं। इस ध्यान में जाने के लिए आप विचारों को नियंत्रित करके अपनी सांसों पर मन को लगाकर ध्यान में उतार सकते हैं और आप किसी नाम या मंत्र का माला जप (Rosary Chanting) करते हुए भी ध्यान में जा सकते हैं।
माला का जप करना लगभग सभी धर्मों में मान्य होता है। हिंदू धर्म के अलावा मुस्लिम और ईसाई आदि जैसे धर्मों में भी इसकी समान महत्व है। लेकिन सभी धर्मों में माला जपने के अपने-अपने तरीके हैं। माला हमेशा ईश्वर का नाम याद करते हुए प्रार्थना और मंत्र दोहराते वक्त जप किया जाता हैं।
आज कल की व्यस्त जिंदगी में भौतिक चीजों और समाज की उथल-पुथल में मन की शांति का मिलना काफी मुश्किल हो जाता है। दिन भर के कामों के चलते मन हमेशा इधर- उधर भटकता है। ऐसे में मन की शांति और एकाग्रता को बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है। वहीं आप अगर खाली समय में अपने मन और बुद्धि को एकाग्र करते हुए माला जप करते हैं तो इससे आपके मन में शांति और बुद्धि में एकाग्रता का विकास होता हैं। साथ ही माला का जप करना किसी ध्यान से कम नहीं रह जाता।
माला जप करने के दौरान लोग मन में किसी मंत्र, श्लोकों या राम के नाम का जाप करते है। कहते है कि श्री राम नाम का जाप करने से अपके मन को बहुत जल्द शांति प्राप्त होती है। भगवान शिव और हनुमान भी राम के नाम का हि सुमिरन किया करते हैं। वहीं, आप माला जाप अपने ईष्ट के नाम के जाप से भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप माला जप के लिए रुद्राक्ष, तुलसी, चंदन और मोती आदि की 108 माला का प्रयोग कर सकते हैं।
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