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India News (इंडिया न्यूज), Difference Between Hindu Dharma & Sanatan Dharm: हिंदू धर्म और सनातन धर्म क्या एक ही है? बहुत लोग इन दोनो धर्म को एक ही समझते हैं और दोनो के बीच का फर्क नही जानते हैं। सनातन धर्म और हिंदू धर्म में कुछ सूक्ष्म अंतर हैं। शास्त्र शोधक इसके बारे में कहते हैं। सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, गीता और ब्रह्मसूत्र को महत्वपूर्ण माना जाता है, तो वहीं हिंदू धर्म में शास्त्रों और ग्रंथों को महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में जहां स्थापित पूजा, मंदिर और व्रत को महत्व दिया जाता है, वहीं सनातन धर्म में यज्ञ, साधना, तपस्या और ध्यान को प्राथमिकता दी जाती है। सनातन धर्म सिख, जैन, बौद्ध और अन्य धर्मों जैसे कई संप्रदायों का एक धार्मिक संप्रदाय है, जबकि हिंदू धर्म में केवल हिंदू संप्रदाय शामिल हैं।
सनातन धर्म शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसका मतलब “शाश्वत धर्म” जिसका मतलब सदा रहने वाला धर्म होता है। ऐसे में यदि कोई सनातन धर्म को मानता है या उसका पालन करता है तो इसका मतलब है कि वह जीवन जीने का एक निश्चित तरीका अपनाता है।
हिंदू शब्द फारसी का शब्द है जिसका अर्थ सिंधु नदी में रहने वाले लोगों से है। अगर ऐसे में कोई व्यक्ति हिंदू धर्म का पालन करता है तो इसका अर्थ है वह किसी खास धर्म को मानता है जिसमें अलग-अलग देवी-देवताओं और रीति-रिवाजों को लोगों द्वारा अपनाया जाता है।
सनातन धर्म के दीनचर्या के तरीके को बताता है। सनातन धर्म कई दर्शनों से मिलकर बना है। जिसमें वेदांग, योग और सांख्य दर्शन शामिल हैं। वेदांग दर्शन के अनुसार आत्मा (ब्रह्म) ही एकमात्र सत्य है और वह हर मनुष्य में मौजूद है। योग दर्शन शरीर और मन को नियंत्रित करने का तरीका बताता है। जबकि सांख्य दर्शन प्रकृति और मनुष्य के बीच के रिश्ते की बात करता है।
हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं, रीति-रिवाजों और परंपराओं को प्राथमिकता दी जाती है। हिंदू धर्म में वेदांत दर्शन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वेदांत दर्शन के अनुसार ईश्वर (ब्रह्मा) ही एकमात्र सत्य है और वह हर जीव में निवास करते हैं। हिंदू धर्म में कई तरह के देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। जिसमें शिव, विष्णु और ब्रह्मा सभी को ईश्वर का रूप माना जाता है।
सनातन धर्म में धर्मांतरण हमेशा से ही एक विवादित मुद्दा रहा है। सनातन धर्म में धर्म परिवर्तन जैसी कोई अवधारणा नहीं है। सनातन धर्म कहता है कि लोगों को उनका धर्म उनके पूर्वजों से मिला है और उन्हें पारंपरिक धर्म का पालन करना चाहिए। वैसे तो ज्यादातर लोग अपना धर्म बदलते हैं और इसे अपना निजी फ़ैसला मानते हैं। उनके अनुसार, जब लोग आध्यात्मिक यात्रा पर होते हैं, तो वे नए संदेशों और धार्मिक विचारों में बदलाव के कारण अपना धर्म बदल लेते हैं।
हिंदू धर्म में धर्मांतरण की एक प्रक्रिया है। हिंदू धर्म में धर्मांतरण के बारे में लोग खुद ही निर्णय लेते हैं। हिंदू धर्म में धर्मांतरण के लिए व्यक्ति को अपने पूर्वजों के धर्म का त्याग करना पड़ता है। हालांकि, सनातन और हिंदू दोनों धर्मों में यह लोगों का निजी निर्णय होता है।
खत्म होने की कगार पर आ चुका है ये धर्म…भविष्य में नाम तक भी नही पहचानेगा कोई?
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