संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
Diwali 2022: इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। दिवाली को हर जगह बड़ी धूमधाम के साथ मानाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दिवाली के दिन बुद्धी के देवता भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है। इस दिन जो भक्तिभाव के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करता है। उस पर मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा बनी रहती है। उसके जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती है। माता लक्ष्मी ऐसे व्यक्ति का साथ कभी नहीं छोड़ती हैं जो दिवाली के दिन व्रत भी किया करते हैं।
हिन्दुओं में दीवाली को लेकर मां लक्ष्मी की एक कथा काफी प्रचलित है। कार्तिक मास की अमावस्या पर एक बार लक्ष्मीजी भ्रमण पर निकलीं। लेकिन उस समय पूरी दुनिया में चारों तरफ अंधकार था। जिस वजह से वे रास्ता भूल गईं तो उन्होंने यह निश्चय किया कि रात्रि वह मृत्युलोक में ही गुजार लेंगी। साथ ही सूर्योदय के पश्चात बैकुंठधाम लौट जाएंगी। लेकिन उन्होंने पाया कि सभी लोग अपने-अपने घरों में दरवाजा बंद करके सो रहे हैं। इसी अंधेरे में मां लक्ष्मी ने एक द्वार खुला दिखा, जिसमें एक दीपक की लौ टिमटिमा रही थी। उस प्रकाश की तरफ वह चल दीं। जहां एक वृद्ध महिला को चरखा चलाते देखा। रात्रि विश्राम की अनुमति लेकर वह उसी कुटिया में रुकीं। वृ्द्धा मां लक्ष्मी को बिस्तर आदि देकर दोबारा काम में जुट गई। चरखा चलाते-चलाते वृ्द्धा की आंख लग गई, अगली सुबह दूसरे दिन उठने पर उसने पाया कि अतिथि जा चुकी है, लेकिन कुटिया की जगह पर एक शानदार महल खड़ा हो चुका था। हर तरफ धन-धान्य और रत्न-जेवरात बिखरे हुए थे। तभी से कार्तिक अमावस्या की रात दीप जलाने की प्रथा चली आ रही है। लोग द्वार खोलकर देवी लक्ष्मी के आगमन की प्रतीक्षा करने लगे।
दिपावली के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें।
पूरे घर की सफाई के बाद घर के मंदिर की सफाई करें और मां लक्ष्मी के नाम की ज्योति जलाएं।
जिसके बाद विधि पूर्वक माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें।
दिवाली के दिन आप कोई भी हिंसा नहीं करें।
दिपावली वाले दिन फल, दूध तथा सात्विक पदार्थों का सेवन करें।
इस दिन आप अधिक से अधिक मंत्र जाप करें।
शाम को शुभ मुहूर्त में गणेशजी और महालक्ष्मी की पूजा कर आशीर्वाद लें।
महालक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाकर प्रसाद रूप में भोग को लें।
इस दिन जरूरतमंद को दान-दक्षिणा दें।
अर्थात- लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने वाले की मत्सर, लोभ और क्रोध अन्य अशुभ कर्मों में वृत्ति नहीं होती है। वे सत्कर्मों की तरफ प्रेरित होते हैं।
Also Read: Diwali 2022: इस दिवाली चमकेगी इन राशियों की किस्मत, देखें क्या आपकी राशि है शामिल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.