Diwali 2025
Diwali 2025: दीपावली केवल रोशनी और मिठाइयों का पर्व नहीं, बल्कि यह वह दिव्य रात्रि है जब मां लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. दीपावली की रात महाकालरात्रि के रूप में जानी जाती है. इस रात हर व्यक्ति चाहता है कि लक्ष्मी मां उनके घर पदार्पण करें. उसके घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य स्थायी रूप से वास करें. लेकिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए केवल दीपक जलाना ही पर्याप्त नहीं होता इसके लिए घर की दिशा, स्वच्छता, रंगोली, शंखनाद और पूजन विधि सभी का विशेष महत्व होता है. आइए जानें पंडित शशिशेखर त्रिपाठी (Pandit Shashishekhar Tripathi) द्वारा दीपावली की रात माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के ये सरल परंतु अत्यंत प्रभावशाली उपाय, जो आपके घर में स्थायी समृद्धि का मार्ग खोल सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं, इसलिए लोग इस दिन अपने घरों को साफ-सुथरा करके और दीपक जलाकर देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं, जिससे उनके घर में सुख और समृद्धि बनी रहे. माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली जरुरी बनानी चाहिए. आप चाहे तो रंगों के स्थान पर रंगोली बनाने के लिए फूलों का भी प्रयोग कर सकते हैं. फूलों की रंगोली बनाना विशेष फलदाई मानी जाती है. रंगोली में ईश्वरीय आकृति बनाने से बचना चाहिए. एक और बात का आपको ध्यान रखना है कि रंगोली में काले रंग का प्रयोग बिलकुल न करें.
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) जिसे घर का सबसे पवित्र हिस्सा माना जाता है, वास्तु अनुसार इस कोण में देवी देवताओं का वास होता है. दीपावली के दिन घर के उत्तर पूर्व दिशा को साफ सुथरा रखें ऐसा करने से लक्ष्मी तत्व की वृद्धि होती है.
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के प्रवेशद्वार पर आम के पत्तों का बंदनवार जरुर लगाना चाहिए. यह घरों में सौभाग्य, सकारात्मकता लाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक है
दीपावली की रात पूजा के पश्चात घर के प्रत्येक कमरे में अनिवार्य रूप से शंख बजाना चाहिए, ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है.
स्थिर यानी जो एक जैसा बना रहें, इसलिए दीपावली पूजन यथासंभव स्थिर लग्न में ही करें. जिससे देवी देवताओं से प्राप्त कृपा स्थिर रहें. वृषभ लग्न और रात्रि में सिंह लग्न में पूजन करना उत्तम रहेगा.
यूं तो दीपावली के दिन श्री गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा किये जाने का विधान है. यदि माता लक्ष्मी के साथ विष्णु भगवान और धन कोष के प्रमुख कुबेर जी का पूजन भी साथ में किया जाए, तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है, इस दिन लोग दीये जलाकर घरों को रोशन करते है और त्योहार मनाते हैं. पूजा के लिए मिट्टी के दिये का प्रयोग करे साथ ही सभी दीपक आग्नेय कोण यानी कि दक्षिण पूर्व दिशा में रखें.
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