Diwali 2025
Diwali 2025: दीपावली की तैयारियां तो हर घर में शुरू हो चुकी हैं, पांच दिनों का यह पर्व हर्ष उल्लास और उमंग से भरपूर होता है, यही कारण है कि परिवारों में बच्चे से लेकर बूढ़े तक अपने-अपने तरीके से तैयारियों में जुट जाते हैं, कोई सफाई करने में तो कोई पकवान बनाने या कोई सजावटी सामान को करीने से लगाने के काम में. सकारात्मक ऊर्जा से भरा यह पर्व लोगों के बीच प्रेम व सौहार्द्र का संचार करने वाला होता है. इस त्योहार में परिवार के लोग परम्पराओं से जुड़ते हैं वहीं दोस्तों के साथ आनंद उठाने के क्षण भी आते हैं. इस बार 18 अक्टूबर शनिवार से शुरु होने वाला रोशनी का यह पर्व 23 अक्टूबर गुरुवार को भैया दूज के साथ पूरा होगा. जब आप त्योहार की प्लानिंग कर ही रहे हैं कि इस बार धनतेरस में ज्वेलरी में क्या खरीदना है और बर्तनों में नया क्या लिया जाए. कुछ लोग इस बार नया वाहन खरीदने का प्लान भी बना चुके हैं. इन्हीं तैयारियों के बीच कुछ जरूरी बिंदुओं को भी प्लानिंग में शामिल कर लेना चाहिए.
दीपावली एक ऐसा त्योहार है जब घर के कोने-कोने की सफाई की जाती है. सफाई करने में कुछ ऐसा सामान जरूर दिख जाता है जो आपके लिए अनुपयोगी हो गया है, कुछ मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक चीजें खराब होकर बिना उपयोग के पड़ी रहती हैं. यदि वो कबाड़ की स्थिति में आ गई है, तो फिर उनका स्थान घर तो कतई नहीं है. ऐसे सभी सामानों को सफाई करते समय घर से बाहर जरूर निकाल दें क्योंकि जब तक ये चीजें घर में रहेंगी आपके परिवारों में नेगेटिविटी बढ़ती जाएगी. इसलिए ऐसी चीजों को घर में रख कर पॉजिटिव एनर्जी को घर में प्रवेश करने से न रोकें. जहां नेगेटिव एनर्जी या गंदगी होती है, वहां पर लक्ष्मी जी नहीं आती हैं. घर की सभी वस्तुओं को सुनियोजित और सुसज्जित करके रखें, शोकेस में भी जो सजावटी सामान रखे हैं, उन्हें साफ कर व्यवस्थित कर देना चाहिए.
दीपावली के मुख्य पर्व के दो दिन पहले धनत्रयोदशी होती है. इस दिन धन के लिए भगवान कुबेर और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि जी की उपासना अवश्य ही करें. इसी कारण इसे भगवान धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है.
इस बार नरक चतुर्दशी का पर्व 19 अक्टूबर रविवार को होगा. इस दिन सुबह उठ कर अपने शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करें और कुछ देर धूप में बैठें क्योंकि तेल में मां लक्ष्मी का वास माना गया है. इसके अलावा इस दिन यम और हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए. यम के लिए चौमुखी दीपक घर के दक्षिण दिशा में जलाया जाता है. इस दिन हनुमान जयंती मानी जाती है इसलिए घर में मौजूद हनुमान जी की मूर्ति पर चोला चढ़ाने के बाद भोग लगाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें.
दीपावली के दिन घर के सभी लोगों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर नए या स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए. शाम को दीपोत्सव के पर्व पर पूरा परिवार विधि विधान से पहले गणेश जी, फिर माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा कर आरती करने के बाद छोटे बड़ों के चरण स्पर्श कर शुभकामनाएं दें. व्यापारी भी अपनी दुकान या कारखाने-गोदाम में गणेश-लक्ष्मी का पूजन शुभ मुहूर्त में करने के बाद घर आकर भी पूजा करें और अंत में घर के हर कोने में दीप जलाएं.
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