संबंधित खबरें
इन 3 तारीखों को जन्में लोग 30 से 45 की उम्र में खूब कमाते हैं पैसा, जानें इनकी कुंडली में ऐसा क्या होता है?
मरने के बाद शरीर से कैसे निकलती है आत्मा? मौत से जुड़े ये डरावने रहस्य नहीं जानते मनुष्य
अगर कंगाली से रहना चाहते हैं कोसों दूर, तो वॉशरूम में अनजाने से भी न रखें ये चीजें, वरना कभी नही भर पाएगा कुबेर खजाना!
कलियुग या घोर कलियुग? कैसा होगा महिलाओं और पुरुषों का चरित्र, श्रीकृष्ण ने द्वापर में कर दी थी ये भविष्यवाणी!
अगर बिना कर्ज चुकाए आ गई मृत्यु तो नए जन्म में पड़ सकता है तड़पना? ऐसा होगा अगला जन्म की झेलना होगा मुश्किल!
तुला समेत इन राशियों के खुलने वाले हैं भाग्य, पुष्य नक्षत्र में बनने जा रहा खास शुक्ल योग, जानें आज का राशिफल
India News (इंडिया न्यूज़), Mahabharat Karna-Ashwatthama: महाभारत के महाकाव्य में, कई योद्धा थे जिन्होंने अपनी अद्वितीय वीरता और कौशल से इतिहास में अपनी जगह बनाई। उनमें से कुछ योद्धा, यदि वे दुर्योधन का साथ नहीं देते, तो वे आज भी पूजा और सम्मान के पात्र हो सकते थे। दो ऐसे प्रमुख योद्धा हैं:
परिचय: कर्ण, जो सूर्य पुत्र और कुंती के पुत्र थे, एक महान धनुर्धर और योद्धा थे। उन्हें दानवीर कर्ण के नाम से भी जाना जाता था, क्योंकि वे कभी भी किसी को कुछ देने से इनकार नहीं करते थे।
वीरता और गुण: कर्ण अपनी वीरता, कौशल, और दानशीलता के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपनी प्रतिष्ठा और वचन का पालन हमेशा किया।
दुर्योधन का साथ: कर्ण ने हमेशा दुर्योधन का साथ दिया, क्योंकि दुर्योधन ने उन्हें सामाजिक सम्मान और एक स्थान दिया था। हालांकि, अगर कर्ण पांडवों का साथ देते या निरपेक्ष रहते, तो उन्हें उनकी महानता और वीरता के लिए पूजा जाता।
कितने दिनों तक पहनना चाहिए कलावा? धारण करने का भी होता हैं एक सही समय!
परिचय: अश्वत्थामा, गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र, एक महान योद्धा और महा शक्तिशाली योद्धा थे। उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त था।
वीरता और गुण: अश्वत्थामा अपनी युद्ध कौशल और अपार शक्ति के लिए प्रसिद्ध थे। उनके पास दिव्यास्त्रों का ज्ञान था और वे एक अद्वितीय योद्धा थे।
दुर्योधन का साथ: अश्वत्थामा ने भी दुर्योधन और कौरवों का साथ दिया। युद्ध के अंत में उन्होंने क्रोध और प्रतिशोध में पांडवों के पुत्रों की हत्या कर दी। यदि वे इस क्रूरता से बचते और सत्य के मार्ग पर रहते, तो वे आज भी एक महान योद्धा के रूप में पूजे जाते।
शनिदेव की पत्नी ने ही उन्हें क्यों दिया था श्राप? वजह जान दंग रह जाएंगे आप!
कर्ण और अश्वत्थामा जैसे महान योद्धा, जिन्होंने अपनी अद्वितीय क्षमता और वीरता से इतिहास में अपनी पहचान बनाई, अगर दुर्योधन का साथ नहीं देते और धर्म के पक्ष में होते, तो वे आज भी सम्मान और पूजा के पात्र होते। महाभारत की कथा हमें सिखाती है कि सही और गलत का चुनाव करना कितना महत्वपूर्ण है, और यह चुनाव हमारे जीवन और प्रतिष्ठा को कैसे प्रभावित कर सकता है।
पाप करने के बाद भी दुर्योधन को क्यों मिला स्वर्ग, पीछे छिपी हैं गहरी वजह!
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.