संबंधित खबरें
चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप
घर में शराब रखना होता है शुभ? आचार्य ने बताया रखने का सही तरीका…अचानक मिलने लगेंगी ये 3 अनमोल चीजें
आखिर क्या है वजह जो गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते सांप, देखते ही क्यों पलट लेते हैं रास्ता? ब्रह्मवैवर्त पुराण में छुपे हैं इसके गहरे राज!
क्या आपके घर का मेन गेट भी है गलत दिशा में? तो हो जाएं सतर्क वरना पड़ सकता है आपकी जिंदगी पर बूरा असर!
अगर श्री कृष्ण चाहते तो चुटकियों में रोक सकते थे महाभारत का युद्ध, क्यों नही उठाए अपने अस्त्र? इस वजह से बने थे पार्थ के सारथी!
आखिर क्या वजह आन पड़ी कि भगवान शिव को लेना पड़ा भैरव अवतार, इन कथाओं में छुपा है ये बड़ा रहस्य, काशी में आज भी मौजूद है सबूत!
India News (इंडिया न्यूज़) , धर्म डेस्क, Eid al-Adha 2023: आज (29 जून) को देशभर में ईद-उल-अजहा का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद उल-अजहा के इस त्योहार में ईद की नमाज होने के बाद बकरे या किसी अन्य जानवर की कुर्बानी का देने का रिवाज है। लेकिन इस मौके पर बकरे की कुर्बानी का काफी खास महत्व है इसलिए इसे बकरीईद भी कहते है।
किसी भी जानवर क कुर्बानी के बाद ये रिवाज़ भी है कि जानवर से जो गोश्त निकलता है, उसे तीन हिस्सों में बांट दिया जाता है। इनमें एक हिस्सा खुद के लिए, दूसरा रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबों के लिए निकाला जाता है। मान्यता है कि इन हिस्सों को सही से बांटने के बाद ही कुर्बानी का गोश्त जायज या मान्य माना जाता है।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस्लाम के पैगंबर हजरत इब्राहिम 80 साल की उम्र में पिता बने थे। उनके बेटे का नाम इस्माइल था। इस्माइल से पिता हजरत अपने बेटे इब्राहिम से बेहद महोब्बत किया करते थे। कहा जाता है कि हजरत इब्राहिम को एक रात ख्वाब आया कि उन्हें अपनी सबसे प्यारी चीज को अल्ला के लिए कुर्बान करना होगा। इस्लामिक जानकार बताते हैं कि हजरत इब्राहिम के लिए ये अल्लाह का हुक्म था, जिसके बाद हजरत इब्राहिम ने बेटे को कुर्बान करने का फैसला किया था।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अल्लाह के हुक्म पर बेटे इस्लाइन की कुर्बानी देने से पहले हजरत इब्राहिम ने आंखों पर पट्टी बांध ली और उसकी गर्दन पर छुरी रख दी। लेकिन जैसे ही उन्होंने छुरी चलाई तो वहां अचानक उनके बेटे इस्माइल की जगह एक दुंबा (बकरा) आ गया। हजरत इब्राहिम ने आंखों से पट्टी हटाई तो उनके बेटे इस्माइल सही-सलामत थे। बताया जाता है कि ये उनके लिए अल्ला का इम्तिहान था। वहीं इस तरह जानवरों की कुर्बानी की यह परंपरा शुरू हुई।
ये भी पढ़ें- Bakrid Mubarak Wishes : ये संदेश भेजकर दोस्तों और करीबियों का खास बनाए बकरीद का त्योहार
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.