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India News (इंडिया न्यूज़), Facts Of Riva’s Shivlinga: मध्य प्रदेश के रीवा जिले की जवा तहसील में स्थित गोहटा गांव एक अनोखे धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित एक शिवलिंग, जो हजारों शिवलिंगों को मिलाकर बना है, भक्तों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर की मान्यता त्रेता युग से जुड़ी हुई है और इसका संबंध माता सीता और भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी से है। यह शिवलिंग और इसका पौराणिक इतिहास इसे अद्भुत और अनोखा बनाता है।
इतिहासकार अनुसार यह शिवलिंग पौराणिक और पुरातात्विक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जब भगवान राम ने सीता का परित्याग कर दिया तो सीता वाल्मीकि आश्रम जाने से पहले गोहटा गांव में रुकी थीं। तमसा नदी में स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने के बाद सीता ने अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने भगवान शिव से कहा कि अब उनकी पूजा भी खंडित मानी जाएगी, क्योंकि उनका परित्याग हो चुका है। तब भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें समझाया कि उनका चरित्र और पतिव्रत धर्म ही उनकी पूजा के साक्षी हैं। भगवान शिव ने सीता को हजारों शिवलिंग दिखाए और कहा कि तुम इन्हें एक स्थान पर स्थापित करो, मैं यहीं रहूंगा। सीता ने वैसा ही किया और इसके बाद वे वाल्मीकि आश्रम चली गईं।
मंदिर के पुजारी राम दीन जो 21 साल से इस मंदिर की सेवा कर रहे हैं, बताते हैं कि लक्ष्मण जी ने भी इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी। उन्हें अपनी गर्भवती भाभी सीता को जंगल में छोड़ने का पछतावा हुआ और उन्होंने भगवान शिव से कहा कि उनकी पूजा में बाधा आई। तब भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें सांत्वना दी और समझाया।
हर साल सावन के महीने में यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है। भक्त बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा निकालते हैं और हज़ारों की संख्या में भक्त इस अनोखे शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं। यह धार्मिक स्थल न केवल अपनी पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध है बल्कि भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र भी है।
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